स्वास्थ्य

जुलाई से सितंबर तक इस बीमारी का खतरा, ऐसे करें बचाव

धर्मशाला । जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू से बचने के लिए लोगो को जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्षा के मौसम में यह रोग अधिक होता हैं। डेंगू रोग के बचाव व रोकथाम के लिए पूर्व में ही सर्तक होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि डेंगू अधिकतर बरसात के महीनों जुलाई, अगस्त व सितम्बर में होने वाला रोग है। डेंगू एक वायरस से होने वाली बीमारी का नाम है जो एडीस नामक मच्छर के काटने से होता है।


डॉ. कटोच बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को तेज ठंड और बुखार हो, चेहरा लाल, सिर, मांसपेशी तथा जोड़ों में दर्द, आंखो को हिलाने डुलाने में दर्द, चेहरे, गले तथा छाती पर लाल चकत्ते, मितली व उल्टी होना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण दिखने पर शीघ्र डाक्टर से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया कि 5 से 7 दिन में सामान्य उपचार से रोगी ठीक हो जाता है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि डेंगू रोग से बचाव व रोकथाम के लिए पानी की टंकियों पर ढ़क्कन फिट करके लगाएं। डेंगू का घर एक जगह जमा साफ पानी है इसीलिए घर या आस-पास पानी 2 या 3 दिन से ज्यादा जमा न होने दें। कूलरों में मिट्टी के तेल का छिड़काव करें तथा घड़ों तथा बाल्टियों में जमा पानी को बदलते रहें। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। इस मौसम में घरो की खिड़कियां बन्द रखें तथा कूड़े के डिब्बे में कूड़ा जमा न होने दें। खुले में पडे पुराने बर्तनों, टायरों, टयूबों आदि में पानी न भरनें दें उनको सही जगह रखें। कीटनाशी से उपचारित मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें, दरवाजे व खिड़की पर जाली का प्रयोग करें।  उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला में रक्त की जांच से रोग का पता लगाया जाता है। डेंगू का कोई विशेष उपचार नहीं है, रोगी को लक्षण के आधार पर दवा की जरूरत होती है। शरीर के तापमान को कम करने के लिए पैरासिटामोल का प्रयोग करें। दर्द निवारक दवाई का सेवन कदापि न करें, डॉ0 की सलाह के बगैर कोई भी दवा न लें। किसी प्रकार का बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करवाऐं।


क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि लोगों को डेंगू और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित एवं जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने इस लोकोन्मुखी प्रयास में सभी से सक्रिय भागीदारी तथा इन रोगों से बचाव के लिए एहतियात बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने सभी लोगों से जल स्त्रोतों को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करने तथा अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से अपने घरों में पानी की टंकियों, कूलरों, गमलों की समय-समय पर सफाई करने का भी आग्रह किया।

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