4 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए ग्रहण लगने का समय, सूतक काल और राशियों पर इसका प्रभाव
4 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जो अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। भारत में सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण लगना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं। जानिए 4 दिसंबर को लगने वाले ग्रहण की पूरी डिटेल।
सूर्य ग्रहण का समय : ग्रहण की शुरुआत 4 दिसंबर को सुबह 11 बजे से होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर। पंचांग अनुसार ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को लगने जा रहा है। ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा, बुध तीनों वृश्चिक राशि में होंगे। ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो उस स्थिति में घटित होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आकर सूर्य की रोशनी को पूरी तरह से अपने पीछे ढक लेता है।
सूर्य ग्रहण इन राशियों के लिए शुभ : ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण 4 राशि वालों के लिए शुभ साबित हो सकता है। इन राशि के लोगों को लाभ मिलने की प्रबल संभावना रहेगी। मिथुन राशि वालों के संघर्ष समाप्त होंगे और नौकरी प्राप्त होने के योग बनेंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होगी। कन्या राशि वालों के साहस में बढ़ोतरी होगी। जीवन में सफलता मिलेगी। मकर राशि वालों की आमदनी में बढ़ोतरी के प्रबल आसार हैं। वरिष्ठ लोगों से संबंध मजबूत होंगे। कुंभ राशि वालों के लिए समय अनुकूल रहेगा।
इन राशि के लोग रहें सतर्क : इस दौरान वृश्चिक वालों को विशेष रूप से सावधान रहना होगा। मानसिक तनाव ज्यादा रहेंगे। वृषभ राशि वालों के लिए ये ग्रहण उतना अच्छा नहीं दिखाई दे रहा है। मेष राशि वालों को धन हानि होने की संभावना रहेगी। मान-सम्मान में कमी आ सकती है। यात्रा से नुकसान होने के आसार हैं। धनु राशि वालों के खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए आप भी सावधान रहें।
सूर्य ग्रहण के उपाय : सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन सूर्य देव की अराधना करें। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें। मान्यता है इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।