धर्म-संस्कृति

रक्षाबंधन : इस बार बिंदास बांधिये राखी, जानिए कितने बजे तक है शुभ मुहूर्त

भारत में रक्षाबंधन का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। हिंदू धर्म में राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधने की परंपरा है। इस त्योहार में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है कि कहीं भद्रा का साया तो नहीं पड़ रहा है। बता दें कि इस बार राखी 22 अगस्त रविवार को मनाई जा रही है। जानिए राखी बांधने का शुभ समय कब तक रहेगा।

नहीं रहेगा भद्रा का साया: राखी का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 अगस्त को शाम 7 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगी। रक्षाबंधन पर भद्रा सुबह 6.15 पर ही समाप्त हो रहा है। इसलिए बहनें भाईयों को 22 अगस्त को सुबह 6.15 से लेकर शाम 05.31 बजे तक राखी बांध सकेंगी। यानी राखी बांधने के लिए 11 घंटे 16 मिनट का समय आपके पास रहेगा।

इस मुहूर्त में राखी बांधना सबसे शुभ: जबकि राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01.42 PM बजे से 04.18 PM तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 36 मिनट की रहेगी।
रक्षाबंधन से जुड़ी रोचक कथा: पौराणिक कथाओं अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था तब उनकी उंगली में चोट लग गई थी। यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर तुरंत श्री कृष्ण की उंगली पर बांधा दिया। मान्यता है कि जिस दिन ये घटना हुई उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। इसलिए तभी से इस दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा।

ऐसे मनाई जाती है रक्षाबंधन:
-राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों अन्न ग्रहण नहीं करते।
-राखी बांधने से पहले बहन थाली सजाती हैं। इस थाली में राखी, रोली, दीपक, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रखी जाती है।
-राखी बांधने से पहले भाई के माथे पर तिलक लगाया जाता है। फिर भाई पर अक्षत छीटें जाते हैं।
-फिर बहनें अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती हैं।
-राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारी जाती है।
-अगर भाई बड़ा है तो उसके पैर छूकर उसका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है और अगर बहन बड़ी है तो भाई बहन के पैर छूता है।
-फिर भाई को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा किया जाता है।
-बहन के राखी बांधने के बाद भाई अपनी सामर्थ्य अनुसार बहन को कुछ न कुछ उपहार देता है।

 

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