शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
पंचायत प्रतिनिधि पारदर्शिता और इमानदारी से क्षेत्र के विकास लिए कार्य करेंः मुख्यमंत्री
शिमला । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर आज मंडी जिला के अंतर्गत वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालीचैकी के सभागार में आयोजित बालीचैकी क्षेत्र के नवनिर्वाचित जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों, ग्राम पंचायत प्रधानों व उप-प्रधानाे तथा वार्ड सदस्यों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में उपस्थित हुए तथा उन्हें विजयी होने पर बधाई दी।
इस अवसर पर उन्होंने सभी सेे विकास की राह पर वैचारिक दृष्टिकोण से उपर उठकर एक-दूसरे के सहयोगी बनकर कार्य करने को कहा। उन्होंनेे पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे इस प्रशिक्षण के प्रति संवेदनशील व गंभीर रहें ताकि वे अपने कर्तव्य व अधिकारों का सजग होकर अपने दायित्व का भली-भांति निर्वहन कर पाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए विभिन्न माध्यमों से बजट सीधे पंचायतों में आता है। इस सूरत में पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि पारदर्शिता, निष्पक्षता और इमानदारी से विकास कार्यो को अंजाम दें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्य में असीमित संभावनाएं हैं। इसलिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि इस दिशा में नई पहल करें तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं को व्यावहारिक रूप देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद स्वर्ण जयंती ग्राम स्वराज सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे।
इस अवसर पर उन्होंने सभी सेे विकास की राह पर वैचारिक दृष्टिकोण से उपर उठकर एक-दूसरे के सहयोगी बनकर कार्य करने को कहा। उन्होंनेे पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे इस प्रशिक्षण के प्रति संवेदनशील व गंभीर रहें ताकि वे अपने कर्तव्य व अधिकारों का सजग होकर अपने दायित्व का भली-भांति निर्वहन कर पाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए विभिन्न माध्यमों से बजट सीधे पंचायतों में आता है। इस सूरत में पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि पारदर्शिता, निष्पक्षता और इमानदारी से विकास कार्यो को अंजाम दें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्य में असीमित संभावनाएं हैं। इसलिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि इस दिशा में नई पहल करें तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं को व्यावहारिक रूप देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद स्वर्ण जयंती ग्राम स्वराज सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे।