धर्म-संस्कृति

लखदाता मंदिर : जहां हर किसी को मिलती हैं खुशियां

हवाण (बिलासपुर)। लखदाता यानी लाखों बख्शिशें करने वाला दाता। जी हां। बिलासपुर जिले के हवाण पंचायत के अंतर्गत स्थित भ्याणू पीर मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की कुछ इसी प्रकार की मान्यता है। श्रद्धालु यहां नई फसल चढ़ाने के लिए तो पहुंचते ही हैं, बच्चे के जन्म के बाद और शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों के भी मंदिर में मत्था टेकने के लिए पहुंचने की परंपरा है। बड़ी संख्या में परिवार बेटे की शादी के बाद उसका सेहरा चढ़ाने के लिए भी मंदिर में पहुंचते हैं। श्रद्धालु मन्नतें पूरी होने पर लखदाता के नाम पर बच्चों की कुश्ती भी मंदिर परिसर में कराते हैं।

इस पवित्र मंदिर की देखरेख साथ लगते गांव के ही करीब डेढ़ दर्जन परिवार करते हैं। पुजारियों का मानना है कि  प्राचीन काल में लखदाता पीर जी यहां पर आए थे और उसके बाद इनका डेरा इस स्थान पर है। गुरुवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। ऊंची पहाड़ी पर स्थित पीर भ्याणू मंदिर के लिए मुख्य मार्ग से संपर्क मार्ग है। जेठ महीने में जिला बिलासपुर व साथ लगते मंडी क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग लखदाता पीर को नई फसल चढ़ाने पहुंचते हैं और आशीर्वाद स्वरूप नई खुशियां हासिल करते हैं। कई बार श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने के कारण लंबी लाइनें भी लगी रहती हैं और लखदाता के दर्शन करने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

 

 

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