धर्म-संस्कृति

स्नो फ़ेस्टिवल में दाछांग का उत्सव, साथ में चल रहा स्नो प्रिन्स व प्रिन्सेज़ का ऑडिशन

केलांग। विविधतापूर्ण संस्कृति वाले जिला लाहौल-स्पीति में सर्दियों के दौरान अनेक प्रकार के त्योहार व उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं उत्सव में एक उत्सव दछंग, जिसकी इन दिनों घाटी के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जा रहा है।दाछांग को हर घाटी में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसमें लोग बर्फ़ से निर्मित लक्ष्य पर निशाना साधते है। ढोल-नगाड़ों की धुनों के बीच गाँव के लोग दिनभर तीर धनुष का खेल खेलते है। गाहर घाटी में इसे नमरंग्स कहा जाता है।




बुजुर्गों ने युवा पीढ़ी से सदियो से चली आ रही परंपरा को जीवंत रखने की अपील की

शिवरात्रि के दौरान मनाया जाने वाले इस उत्सव में बर्फ़ के दो लक्ष्य बनाये जाते हैं, एक को देवता का रूप व एक को दैत्य का रूप माना जाता है । तीर-धनुष तब तक खेल जाता जाता है जब तक दैत्य स्वरूप को पूरी तरह तहस-नहस नहीं किया जाता है।




घाटी के बुजुर्ग ने बताया कि पुराने जमाने से चला आ रहा खेल को आज भी जीवित रखे हुए है ,इसे नमरंग्स कहते है, शिवरात्रि के दौरान मनाए जाने वाले इस त्यौहार में तीर खेल कर असुरी शक्तियों को भगाया जाता है। बुजुर्गों ने युवा पीढ़ी से सदियो से चली आ रही परंपरा को जीवंत रखने की अपील की। वहीं संस्कृति संरक्षण पर आधारित स्नो प्रिन्स व प्रिन्सेज़ का ऑडिशन में उदयपुर में युवाओं के जोश के बाद आगामी 13 मार्च को केलँग में ऑडिशन होगा।



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