शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

मुख्यमंत्री ने लाहौल-स्पीति के लिए ई-ऑफिस ई-हेली सर्विस, ई-आगमन और ई-लाहौल सेवाओं का शुभारम्भ किया

शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज वर्चुअल माध्यम से जिला लाहौल-स्पीति के लिए ई-ऑफिस ई-हेली सर्विस, ई-आगमन और ई-लाहौल सेवाओं का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी सेवाएं एक बटन के माध्यम से जिला लाहौल-स्पीति के लोगों को नागरिक मित्र सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ये सुविधाएं प्रदेश में सुशासन सुनिश्चित करने की दिशा मं सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतरीन उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ई-हेली सेवा लाहौल और स्पीति के विभिन्न खण्डों/उप-मण्डलों के लिए फ्लाइट की उपलब्धता, पात्रता और शुल्क ढांचा, भुगतान के लिए गेटवे और आवेदन की आॅनलाइन स्वीकृति और अस्वीकृति की विस्तृत जानकारी प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं बहुभाषीय हैं जो मोबाइल तथा वेब पर भी उपलब्ध हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि ई-ऑफिस का उद्देश्य कार्यालयों को कागज रहित बनाकर विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार करना है। ई-ऑफिस सुविधा लागू करने से जिला प्रशासन की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली में परिवर्तन आएगा और वे अधिक कुशल व प्रभावशाली तरीके से कार्य करने में सक्षम होंगे। ई-ऑफिस से विभागों में फाइल कार्य और फाइलों के अन्तर-विभागीय कार्य इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से सुनिश्चित होंगे। इस प्रणाली से फाइलों और रसीदों की मुवमेंट बाधारहित होगी और इस प्रणाली में अधिक पार्दशिता सुनिश्चित होगी क्योंकि फाइलों पर होने वाली सभी प्रतिक्रियाएं इलेक्ट्रोनिक रूप से रिकार्ड होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-लाहौल वेब एप्लीकेशन को लाहौल-स्पीति जिले में स्थानीय विक्रेताओं को अस्थाई रूप से स्टाॅल स्थापित करने के लिए पंजीकरण करने के लिए विकसित किया गया है। इस एप्लीकेशन की मुख्य विशेषता कानूनी रूप से बिक्री की पहचान करना और पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस एप्लीकेशन से विक्रेताओं को स्वचलित पंजीकरण, विभिन्न श्रेणी के विक्रेताओं के लिए स्वशुल्क गणना और एकीकरण भुगतान गेटवे सुनिश्चित होगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से विकसित वेब एप्लीकेशन ई-हेली सर्विस जिला के लोगों को विशेषतौर पर शीतकालीन मौसम में हैलीकाॅप्टर सेवा की सुविधा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष अटल टनल राष्ट्र को समर्पित की थी जिसके खुलने से जनजातीय जिले के लोगों के लिए पर्यटन के नए द्वार खुले हैं। अटल टनल एक बड़ा पर्यटन गंतव्य बनकर भी उभरा है और ई-आगमन के शुभारंभ से पर्यटकों के आवागमन पर समुचित नजर रखी जानी चाहिए।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि लाहौल-स्पीति ई-ऑफिस प्रणाली का उपयोग करने वाला प्रदेश का पहला जिला होगा। लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से जिला के लोगों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कई सूचना प्रौद्योगिकी पहल पर कार्य किया है। ई-ऑफिस के माध्यम से कार्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और विशेषरूप से इसका लाभ उन क्षेत्रों में होगा जो विपरीम मौसम परिस्थितियों के कारण प्रदेश के अन्य हिस्सों से कट जाते हैं। उन्होंने वर्ष 2021-22 के बजट में जिला को विशेष महत्व प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। जनजातीय विकास विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने लाहौल-स्पिति जिले के लोगों की सुविधा के लिए इन सेवाओं का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। प्रधान सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी रजनीश ने इस अवसर पर विस्तृत प्रस्तुति दी और बैठक की कार्यवाही का संचालन भी किया।

उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने कहा कि ई-आगमन एप्लीकेशन जिला की यात्रा के इच्छुक लोगों को ऑनलाइन परमिट जारी करने में सहायक सिद्ध होगी। यह एप्लीकेशन आॅटोमैटिक नंबर प्लेट रिकोग्निशन (एएनपीआर) कैमरा और ऑटो बूम बैरियर द्वारा एकीकृत है। इसमें परमिट जारी करना, एएनपीआर कैमरा से वाहन नम्बर प्लेट की जाॅच करना, बूम बैरियर का एकीकरण और वाहन का डेटाबेस तैयार करने जैसी सुविधाएं हैं। निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशुतोष गर्ग ने मुख्यमंत्री और अन्य उपस्थित गणमान्य का स्वागत किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा, संयुक्त निदेशक आईटी अनिल सेम्वाल ने शिमला से बैठक में भाग लिया जबकि उपायुक्त लाहौल-स्पीति और अन्य जिला अधिकारी लाहौल-स्पीति के केलंग से बैठक में जुड़े

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