हमीरपुर। उपायुक्त देवाश्वेता बनिक ने कहा है कि जिला प्रशासन बांस के कारीगरों और उनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को प्रोत्साहित करेगा तथा इन कलाकृतियों के बेहतर विपणन की व्यवस्था भी करेगा। वीरवार को नादौन उपमंडल की ग्राम पंचायत झलाण के गांव घरोह में बांस हस्तशिल्प प्रशिक्षण शिविर के निरीक्षण एवं अवलोकन के बाद उपायुक्त ने यह जानकारी दी। उद्योग विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे इस एक माह के शिविर में क्षेत्र की महिलाएं, युवा और बांस के कारीगर भाग ले रहे हैं।
देवाश्वेता बनिक ने कहा कि स्वर्णिम हिमाचल और अन्य सरकारी समारोहों के दौरान उपहार एवं स्मृत्ति चिह्न के रूप में बांस की कलाकृतियां ही दी जाएंगी। इसके अलावा विभिन्न मेलों, उत्सवों और अन्य आयोजनों के दौरान बांस के कारीगरों तथा उनकी कलाकृतियों को स्टॉल उपलब्ध करवाए जाएंगे। अन्य माध्यमों से भी बांस की कलाकृतियों के विपणन की व्यवस्था की जाएगी। इससे बांस के शिल्पकारों को अच्छी आमदनी होगी तथा उन्हें घर में ही अच्छा रोजगार मिलेगा।
उपायुक्त ने कहा कि हमीरपुर जिला में बांस हस्तशिल्प की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। इस कला में महारत हासिल करने वाले नादौन के शिल्पकार करतार सिंह सौंखले को प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद जिला हमीरपुर में बांस हस्तशिल्प की संभावनाओं को काफी बल मिला है। देवाश्वेता बनिक ने बताया कि हमीरपुर जिला में घरोह के अलावा गांव करेर, कश्मीर, नाल्टी, बीड़-बगेहड़ा और भुक्कड़ में भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विजय चौधरी ने बताया कि बांस हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए गांव घरोह में 8 फरवरी से 8 मार्च तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में पद्मश्री करतार सिंह सौंखले और निफ्ट की प्रशिक्षक अर्चना क्षेत्र की महिलाओं, युवाओं और बांस के अन्य कारीगरों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस मौके पर उद्योग विभाग के प्रबंधक जीएल नेगी, प्रसार अधिकारी प्रवेश कपूर, पंचायत प्रधान अनीता ठाकुर, उपप्रधान अश्वनी कुमार और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
Back to top button