कुसुम कला मंच लदरौर बना लोकनृत्य का सिरमौर
हमीरपुर। भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिला की संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन रविवार को जिला भाषा अधिकारी कार्यालय, संस्कृति सदन सलासी में किया गया। मुख्यातिथि पद्मश्री करतार सिंह सौंखले एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात मां सरस्वती की आराधना एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ कार्यक्रम विधिवत रूप से शुरू हुआ।
इस जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता में जिला हमीरपुर के बारह सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में सभी सांस्कृतिक दलों के कलाकारों ने स्थानीय वेशभूषा में जिला हमीरपुर के लोकनृत्य की रंगा-रंग प्रस्तुतियां दीं। प्रतियोगिता में कुसुम कला मंच लदरौर ने प्रथम स्थान, नटराज कला मंच नादौन ने द्वितीय स्थान तथा सरस्वती कला मंच बिझड़ी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मुख्य अतिथि ने विजेताओं और अन्य प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम के अंत में जिला भाषा अधिकारी निक्कू राम ने जिला के सभी कलाकारों से आग्रह किया कि वे कला के प्रति समर्पित भाव रखते हुए कला को अपने जीवन में आत्मसात करें तथा जिला हमीरपुर की लोककलाओं को सबके सम्मुख लाएं। उन्होंने मुख्य अतिथि पद्मश्री करतार सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि कार्यक्षेत्र सर्वथा भिन्न होने पर भी वे अपनी कला के प्रति समर्पित रहे और यही कारण है कि आज उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। जिला के हर कलाकार को करतार सिंह सौंखले से प्रेरणा लेते हुए लोककलाओं पर कार्य करना चाहिए।
जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता में संजय शर्मा, डा. दिलवर कुमार तथा डा. पायल राणा ने बतौर निर्णायक तथा युवा कवि पंकज कुमार ने मंच संचालक की भूमिका निभाई।