हिमाचल के चार जिलों में नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा, कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले
शिमला। हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस कैबिनेट बैठक में मंडी ,शिमला, कुल्लू ,कांगड़ा इन 4 जिलों में लगे नाइट कर्फ्यू को आगामी 5 जनवरी तक जारी रखने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने जनहित में क्रमशः 1.37 करोड़, 2.36 करोड़, 3.44 करोड़ और 6.11 करोड़ रुपये की लागत से शिमला, नालागढ़, टांडा और नेरचैक में मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील करने के लिए कार्योत्त्तर स्वीकृति प्रदान करने को अपनी अनुमति दी। इसमें से 50 प्रतिशत धनराशि सीएसआईआर/सीबीआरआई रूड़की को पहले ही प्रदान की जा चुकी है।
मंत्रिमंडल ने निजी भूमि से पेड़ों को काटने के लिए 10 वर्षीय पात्तन कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश भूमि संरक्षण अधिनियम 1978 के तहत जारी आदेश संख्या एफएफएफबीए (3) 4/99 दिनांक 10 सितम्बर, 2002 के पैरा-1 और 6 को संशोधित करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। इसके तहत वन उप मण्डल अधिकारी (डीएफओ) को एक वर्ष में 50 पेड़ों के स्थान पर 200 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करने का अधिकार, सम्बन्धित मुख्य अरण्यपाल वन/ मुख्य अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 100 के स्थान पर 300 पेड़, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 200 पेड़ के स्थान पर 400 पेड़ और हिमाचल प्रदेश सरकार को 200 से अधिक पेड़ों के स्थान पर 400 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार प्रदान किया गया है। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि यदि पेड़ निर्धारित वर्ष में नहीं काटे गए, तब सक्षम प्राधिकारी इस अवधि को एक वर्ष तक बढ़ा सकता है, जहां भूमि की डीमार्केशन और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित एक वर्ष के भीतर पूर्ण की गई हो और सम्बन्धित डीएफओ द्वारा कटाई के आदेश दिए गए हों किन्तु पेड़ों की कटाई नहीं की गई हो या आंशिक रूप से की गई हो और जहां भूमि की डीमार्केशन प्रक्रिया और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित वर्ष के भीतर पूर्ण कर ली गई हो, परन्तु कटाई के आदेश जारी नहीं किए गए हों।मंत्रिमंडल ने जनहित में उपमहानिरीक्षक (इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी) के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानान्तरित करने को भी अपनी सहमति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने राज्य के कुछ क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश शहरी एवं नगर नियोजन अधिनियम-1977 के दायरे से बाहर करने की मंत्रिमंडल उप समीति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने चंबा जिला के भरमौर विशेष क्षेत्र में राजस्व मोहाल पाल्दा, राजौर और चलेड़, सोलन जिला के वाकनाघाट नियोजन क्षेत्र में बानी, बरोड़, माल्गा और सुधारग मोहाल तथा मंडी नियोजन क्षेत्र के आरडा और मन्याना राजस्व मोहाल को बाहर करने का निर्णय भी लिया गया। ग्रामीण विकास विभाग में आउटसोर्स आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 131 पदों को मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोजगार अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग में आउटसोर्स आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 131 पदों को भरने का निर्णय लिया।बैठक में कांगड़ा जिला के मझीन में लोक निर्माण विभाग के नये उप मंडल के सृजन सहित मझीन और सेओरबाला में दो नये सेक्शन के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के छह पदों के सृजन को स्वीकृति प्रदान की गई
इन विभागों में भरे जाएंगे पद
मंत्रिमंडल ने बिलासपुर, नूरपुर और बद्दी में जिला फाॅरेंसिक इकाइयां स्थापित करने के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के 12 पदों के सृजन और भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने कृषि विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के 25 पदों के सृजन और सीधी भर्ती द्वारा अनुबंध आधार पर भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिला के पांवटा साहिब तहसील में पटवार सर्कल माजरा और धौलाकुआं से अलग कर तीन पटवार सर्कल कोलर, मिश्रवाला व सैनवाला मुबारिकपुर और नई उप तहसील माजरा के सृजन को मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल ने पांगी स्थित किलाड़ में साडा में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के एक पद के सृजन और भरने के अतिरिक्त शहरी एवं नगर नियोजन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने मिल्कफेड में अनुबंध आधार पर प्लांट इंजिनियर के दो और कम्प्यूटर प्रोग्रामर के एक पद के सृजन के अतिरिक्त विपणन प्रबन्धक के एक पद के सृजन और भरने को मंजूरी दी।मिल्कफेड में अनुबन्ध आधार पर तीन पद उत्पादन प्रबन्धन/पी एंड आई और सात पद सहायक प्रबन्धक (क्यूसी/पीएंडआई) को भरने का भी निर्णय लिया। बैठक में कृषि विभाग में आशु टंकक के तीन पद सीधी भर्ती से भरने के निर्णय को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल में आयुर्वेद विभाग में दैनिक भोगी आधार पर चालकों के तीन पद भरने का निर्णय लिया। बैठक से पूर्व पर्यटन और बागवानी विभाग द्वारा मार्च-2021 तक छह महीने के लक्ष्य और अप्रैल-2021 से मार्च-2022 तक एक वर्ष के लक्ष्य पर आधारित प्रस्तुति दी गई।