शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
समाज निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिकाः राज्यपाल
शिमला । राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा है कि महिलाएं विकास के हर क्षेत्र में योगदान दे रहीं हैं और हमें उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने चाहिए। राज्यपाल आज शिमला के ऐतिहासिक रिज पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश महिला पुलिस द्वारा आयोजित समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिन समाज में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान और अहम भूमिका को भी दर्शाता है। इस दिन महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों और अन्याय की रोकथाम के लिए आम नागरिकों को जागरूक करने के साथ-साथ महिलाओं के अधिकारों पर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है।
भारतीय संस्कृति में महिलाओं का समाज में विशेष स्थान है। हालांकि, विदेशी आक्रमणकारियों के कारण मध्यकाल में महिलाओं की स्थिति में और गिरावट आई थी। उन्होंनेे कहा कि पिछले 20 वर्षों में महिलाओं के लिए विकसित की गई नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरुषों के बराबर समान अधिकार दिए गए हैं और कई अधिनियमों को लागू करके उनकी स्थिति में सुधार के प्रयास किए गए हैं, लेकिन सभी संवैधानिक, वैधानिक और सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन के बावजूद महिलाओं की स्थिति में अभी तक ज्यादा बदलाव नहीं आया है और उन्हें आज भी असमानता की भावना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य में महिलाओं का जीवन स्तर बेहतर है और 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में महिला साक्षरता दर 74 प्रतिशत और लिंगानुपात 972 है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2344 महिलाएं विभिन्न पदों और स्तरों पर हिमाचल पुलिस में सेवा कर रही हैं। ट्रैफिक से लेकर पर्यटक पुलिस में महिलाओं की तैनाती ने पुलिस को एक नई छवि प्रदान की है। वर्ष 2008 में हिमाचल प्रदेश में 1007 पदों के सृजन के साथ भारतीय महिला रिजर्व बटालियन की स्थापना हुई थी। राज्य सरकार खेलकूद में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को पुलिस विभाग में नियुक्तियां दे रही है, ताकि उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा सकें। राज्यपाल ने पुलिस विशेष रूप से महिला पुलिस द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के रूप में प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं की भी सराहना की।
उन्होंने पहाड़ी राज्यों में अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए वर्ष 2020 के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर राज्य पुलिस को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी राज्य पुलिस आम जनता की सेवा ईमानदारी, निष्पक्षता, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ करती रहेंगी। इससे पूर्व, राज्यपाल ने परेड कमांडर सृष्टि पांडे के नेतृत्व में महिला पुलिस की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी ली। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हस्ताक्षर बोर्ड पर अपना संदेश दर्ज किया। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल महिला पुलिस बल पिछले 50 वर्षों से देश व प्रदेश की समर्पण भाव से सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण सराहनीय है। महिला अधिकारियों के साथ-साथ अन्य अधिकारियों ने भी अपने कर्तव्यों को निभाने में असमर्थता नहीं दिखाई और प्रदर्शन करने के लिए हमेशा तत्पर रहे। उन्होंने कहा कि भारत-चीन विवाद के दौरान सीमा क्षेत्र में भेजे गए पांच पुलिस अधिकारियों में दो महिला पुलिस अधिकारी थीं। महिलाओं को सशक्त बनाने से ही हम उनकेे खिलाफ घरेलू हिंसा को रोक सकते हैं। विभाग कठिन परिस्थितियों जैसे कि ट्रैफिक अनुभाग आदि में काम करने वाले अधिकारियों को सुविधाएं प्रदान करने के अतिरिक्त उनके लैंगिक मुद्दों पर अधिक ध्यान देगा। डी आई जी दक्षिणी रेंज एवं आयोजन समिति की अध्यक्षा सुमेधा द्विवेदी ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस अवसर पर महिला पुलिस कर्मियों द्वारा यूएसी डिमाॅन्स्ट्रेशन, बाइक स्टंट, मस्कट्री ड्रिल प्रस्तुत किए गए। राज्यपाल ने इस अवसर पर पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह मनोज कुमार, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व डीजीपी आई.बी. नेगी और आर.आर. वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारतीय संस्कृति में महिलाओं का समाज में विशेष स्थान है। हालांकि, विदेशी आक्रमणकारियों के कारण मध्यकाल में महिलाओं की स्थिति में और गिरावट आई थी। उन्होंनेे कहा कि पिछले 20 वर्षों में महिलाओं के लिए विकसित की गई नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरुषों के बराबर समान अधिकार दिए गए हैं और कई अधिनियमों को लागू करके उनकी स्थिति में सुधार के प्रयास किए गए हैं, लेकिन सभी संवैधानिक, वैधानिक और सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन के बावजूद महिलाओं की स्थिति में अभी तक ज्यादा बदलाव नहीं आया है और उन्हें आज भी असमानता की भावना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य में महिलाओं का जीवन स्तर बेहतर है और 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में महिला साक्षरता दर 74 प्रतिशत और लिंगानुपात 972 है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2344 महिलाएं विभिन्न पदों और स्तरों पर हिमाचल पुलिस में सेवा कर रही हैं। ट्रैफिक से लेकर पर्यटक पुलिस में महिलाओं की तैनाती ने पुलिस को एक नई छवि प्रदान की है। वर्ष 2008 में हिमाचल प्रदेश में 1007 पदों के सृजन के साथ भारतीय महिला रिजर्व बटालियन की स्थापना हुई थी। राज्य सरकार खेलकूद में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को पुलिस विभाग में नियुक्तियां दे रही है, ताकि उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा सकें। राज्यपाल ने पुलिस विशेष रूप से महिला पुलिस द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के रूप में प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं की भी सराहना की।
उन्होंने पहाड़ी राज्यों में अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए वर्ष 2020 के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर राज्य पुलिस को बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी राज्य पुलिस आम जनता की सेवा ईमानदारी, निष्पक्षता, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ करती रहेंगी। इससे पूर्व, राज्यपाल ने परेड कमांडर सृष्टि पांडे के नेतृत्व में महिला पुलिस की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी ली। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हस्ताक्षर बोर्ड पर अपना संदेश दर्ज किया। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल महिला पुलिस बल पिछले 50 वर्षों से देश व प्रदेश की समर्पण भाव से सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण सराहनीय है। महिला अधिकारियों के साथ-साथ अन्य अधिकारियों ने भी अपने कर्तव्यों को निभाने में असमर्थता नहीं दिखाई और प्रदर्शन करने के लिए हमेशा तत्पर रहे। उन्होंने कहा कि भारत-चीन विवाद के दौरान सीमा क्षेत्र में भेजे गए पांच पुलिस अधिकारियों में दो महिला पुलिस अधिकारी थीं। महिलाओं को सशक्त बनाने से ही हम उनकेे खिलाफ घरेलू हिंसा को रोक सकते हैं। विभाग कठिन परिस्थितियों जैसे कि ट्रैफिक अनुभाग आदि में काम करने वाले अधिकारियों को सुविधाएं प्रदान करने के अतिरिक्त उनके लैंगिक मुद्दों पर अधिक ध्यान देगा। डी आई जी दक्षिणी रेंज एवं आयोजन समिति की अध्यक्षा सुमेधा द्विवेदी ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस अवसर पर महिला पुलिस कर्मियों द्वारा यूएसी डिमाॅन्स्ट्रेशन, बाइक स्टंट, मस्कट्री ड्रिल प्रस्तुत किए गए। राज्यपाल ने इस अवसर पर पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह मनोज कुमार, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व डीजीपी आई.बी. नेगी और आर.आर. वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।