सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल
राष्ट्रीय व अन्य आयोजनों में प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वजों का न करें प्रयोग : डीसी
ऊना । सभी प्रकार के राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद आयोजनों में प्लास्टिक के बजाय कागज से बने राष्ट्रीय ध्वज प्रयोग में लाए जाएं। समारोह के समापन के उपरांत इनको जमीन पर इधर-उधर न फेंका जाए बल्कि प्रयोग किए गए राष्ट्रीय ध्वजो का उनकी गरिमा व मर्यादा के अनुरूप एकांत में निपटान किया जाए। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के ध्यान में आया है कि राष्ट्रीय, सांस्कृतिक व खेलकूद आयोजनों में प्लास्टिक से बने ध्वज प्रयोग में लाए जा रहे है। प्लास्टिक के ध्वज जैविक रूप से नष्ट नहीं हो पाते तथा इन्हें सम्मानपूर्वक नष्ट करना एक व्यवहारिक समस्या है। इसलिए ऐसे आयोजनों में प्लास्टिक के ध्वजों के प्रयोग पर प्रतिबंध और कागज के ध्वजों के प्रयोग के प्रति जागरुकता बेहद जरुरी है।
डीसी राघव शर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी करतेे हुए सरकारी व गैर संगठनों सहित अन्य संस्थाओं व देश के नागरिकों का आहवान किया गया है कि विभिन्न राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद आयोजनो में प्लास्टिक के बजाय कागज से बने ध्वजों को प्रयोग में लाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज देश केे लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2002 के प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा व सम्मान को बनाए रखना और इन प्रावधानों की सख्ती से अनुपालना करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2002 गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।