शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
अगले वित्त वर्ष में 96,855 क्विंटल गेहूं बीज उत्पादित करने का लक्ष्य
शिमला । कृषि विभाग के निदेशक डाॅ. नरेश कुमार ने आज यहां बताया कि विभाग खाद्यान्नों इत्यादि के बीजों को प्रदेश में ही उत्पादित कर किसानों को वितरित करने की ओर आत्मनिर्भर हो रहा है। विभाग द्वारा गेहूं, मक्की, धान व चना इत्यादि बीजों को प्रदेश से बाहर खरीदकर किसानों को उपलब्ध करवाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने वर्ष 2021-22 से प्रदेश में ही बीज उत्पादन को किसानों की मांग पूरी करने की कार्य योजना बनाई है। वर्ष 2021-22 में गेहूं की 1,08,000 क्विंटल बीज की मांग को ध्यान में रखते हुए 96,855 क्विंटल बीज प्रदेश में उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 95 हजार क्विंटल बीज नौ पंजीकृत कृषक समूहों द्वारा उत्पादित किया जाएगा व विभाग इन कृषक समूहों से खरीदकर प्रदेश के अन्य किसानों से बीज वितरित करेगा।
कृषि विभाग इन कृषक समूहों से 26 प्रतिशत अधिक मूल्य पर गेहूं के बीज खरीदेगा जिससे उनकी आय मे वृद्धि होगी। इसके अलावा 1855 क्विंटल बीज प्रदेश के कृषि फर्मों में पैदा किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में केवल 40,650 क्विंटल गेहूं के बीज का उत्पादन प्रदेश में उत्पादित कर किसानों में वितरित किया गया था। विभाग के पांच पंजीकृत कृषि समूहों द्वारा अगले वर्ष तीन हजार क्विंटल बीज की मांग के अनुसार बीज उत्पादित कर किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला चंबा में मक्की की सुधरी हुई दो किस्मों- चिटकिनू व सफेद मक्की के बीजों के उत्पादन के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि इन किस्मों के बीजों को अधिक से अधिक कृषकों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभाग किसानों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए प्रदेश में ही उच्च गुणवत्ता बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
कृषि विभाग इन कृषक समूहों से 26 प्रतिशत अधिक मूल्य पर गेहूं के बीज खरीदेगा जिससे उनकी आय मे वृद्धि होगी। इसके अलावा 1855 क्विंटल बीज प्रदेश के कृषि फर्मों में पैदा किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में केवल 40,650 क्विंटल गेहूं के बीज का उत्पादन प्रदेश में उत्पादित कर किसानों में वितरित किया गया था। विभाग के पांच पंजीकृत कृषि समूहों द्वारा अगले वर्ष तीन हजार क्विंटल बीज की मांग के अनुसार बीज उत्पादित कर किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला चंबा में मक्की की सुधरी हुई दो किस्मों- चिटकिनू व सफेद मक्की के बीजों के उत्पादन के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि इन किस्मों के बीजों को अधिक से अधिक कृषकों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभाग किसानों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए प्रदेश में ही उच्च गुणवत्ता बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।