चमोली आपदा : सुरंग के अंदर से चार और रैणी में तीन शव बरामद, तेज हुआ सर्च ऑपरेशन
चमोली। उत्तराखंड के चमोली में आपदा के एक हफ्ते बाद तपोवन में सुरंग के अंदर से चार शव बरामद किए गए हैं। चमोली थाना प्रभारी जोशीमठ सतेंद्र सिंह के अनुसार पहला शव सुबह करीब पांच बजे मिला। इसके बाद आगे खोदाई करने पर दूसरा शव बरामद हुआ। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि चमोली की तपोवन टनल में रेस्क्यू कार्य जारी है। आज अभी तक टनल से 04 एवं रैनी गांव में मलबे से 03 शवों के साथ कुल 07 शव बरामद हुए हैं।
चमोली की तपोवन टनल में रेस्क्यू कार्य जारी है। आज अभी तक टनल से 04 एवं रैनी गांव में मलबे से 03 शवों के साथ कुल 07 शव बरामद हुए हैं।#Chamoli #TapovanTunnel #RescueOperation pic.twitter.com/1Bi8rha0Qn
— Ashok Kumar IPS (@Ashokkumarips) February 14, 2021
आज दिनांक 14/02/2021 की सुबह टनल में मिले दोनों शवों की शिनाख्त हो गयी है।
रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है।#Chamoli #Tapovan @uttarakhandcops @ANI @PIBDehradun @DDNewsHindi pic.twitter.com/iXuzaQVdOs
— chamoli police (@chamolipolice) February 14, 2021
बता दें कि सुरंग के अंदर से मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। रात में जमीन के अंदर सपोर्ट नहीं मिलने पर सुरंग में ड्रिल कार्य बंद कर दिया गया था। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि निर्धारित दूरी तक ड्रिल के बाद पानी निकल रहा है। सम्भवतः नीचे पानी और मलबा घुसा है। बता दें कि आपदा में अब तक 164 लोग अभी भी लापता हैं। जबकि रैणी और तपोवन क्षेत्र से 38 व सुरंग से दो शव मिल चुके हैं।
डीएम ने किया बैराज साइड का निरीक्षण
तपोवन में दो शव मिलने के बाद जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बैराज साइड का निरीक्षण किया। उनके साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद रहीं। डीएम का कहना है कि तलाश अभियान तेजी से चल रहा है। बैकअप में सात एंबुलेंस, पोस्टमार्टम टीम और एक हेलीकॉप्टर भी रखा गया है। अगर कोई भी व्यक्ति जिंदा बरामद किया जाता है तो उसे तुरंत उपचार देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
धौली गंगा का रुख मोड़ने में जुटी मशीनें
सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने के लिए अब धौली गंगा का रुख मोड़ा जा रहा है। बैराज साइट गेट नंबर एक से दो जेसीबी और सुरंग साइट से एक जेसीबी मलबे हटाने के लिए लगी है। यहां जेसीबी को नदी में उतारने के लिए एप्रोच सड़क का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है।
पीड़ित परिवारों का कहना है कि जिस दिन धौली गंगा में सैलाब आया, उस दिन बैराज साइट में कई मजदूर काम कर रहे थे, जिनके बैराज में दबे होने की आशंका है। ऋषि गंगा में आई बाढ़ के बाद बैराज साइट पर स्थित मुख्य टनल में टनों मलबा घुसने के साथ ही बैराज भी मलबे से भर गया है।
बैराज में करीब बीस फीट तक मलबा जमा है, जिससे नदी के पानी से बैराज में दलदल बनी है। यहां मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए नदी का रुख मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए शनिवार से कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बैराज साइट का मलबा हटाने के लिए एप्रोच सड़क भी बनाई जा रही है। इस काम में तीन जेसीबी जुटी हुई हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बैराज साइट का मलबा हटाने के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। नदी का रुख मोड़कर मलबा हटाने का काम शुरू किया जाएगा।