सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल

कोरोना संकट में महिला ‘शक्ति’ को मिला नया आयाम :जय राम ठाकुर

 
ऊना ।  स्वयं सहायता समूहों के बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए बंगाणा ब्लॉक के तहत बौल में खोला गया ‘शक्ति’ जन सुविधा केंद्र कोरोना संकट में वरदान सिद्ध हो रहा है। यहां पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार बांस के उत्पादों के साथ-साथ बड़ियां, पापड़ जैसे उत्पाद भी रखे गए हैं। 26 अप्रैल को शुरू हुए शक्ति जन सुविधा केंद्र के माध्यम से अब तक स्वयं सहायता समूहों को 35 हजार रुपए से अधिक आय प्राप्त हुई है। चेतना स्वयं सहायता समूह की प्रधान विजय कुमारी कहती हैं “पहले अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार नहीं था। मेलों में जाकर ही सामान बिकता था, लेकिन अब बौल में जन सुविधा केंद्र खुलने से काम आसान हो गया है। एक ही जगह सामान लाकर देते हैं, जिसे यहां से आने-जाने वाले खरीदते हैं। इससे अच्छी कमाई हो रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का धन्यवाद।



चेतना की तरह अन्य स्वयं सहायता समूह सूती कपड़े से बनाए गए मास्क के साथ-साथ शहद, सेवियां, जैसे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बिक्री के लिए आकर यहां पर रख देते हैं। बौल निवासी रजनी देवी व लता कुमारी ने बताया कि शक्ति जन सुविधा केंद्र में ताजा सामान मिलता है। यहां से वह हल्दी के साथ-साथ दैनिक जरूरतों का अन्य सामान खरीद कर ले जाते हैं, जो क्वालिटी में भी अच्छे हैं।



ऊना- हमीरपुर सड़क के किनारे बौल में स्थापित किए गए शक्ति जन सुविधा के माध्यम से स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है। यहां पर टॉयलेट की भी सुविधा है तथा स्वच्छता का संदेश देने के लिए पोस्टर भी लगाए गए हैं। आने वाले पर्यटकों को जल-पान की सुविधा प्रदान करने के लिए भी जन सुविधा केंद्र में फूड कोर्ट भी खोला गया है। उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि अभी हाल ही में यह केंद्र खुला है, जिसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। यहां पर स्वयं सहायता समूहों ने अब तक 35 हजार रुपए से अधिक के उत्पाद की बिक्री की है, जिससे यह केंद्र स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण के रूप में उभरा है। । इस केंद्र की सफलता को देखते हुए अन्य विकास खंडों में भी स्वयं सहायता समूहों के लिए इसी प्रकार के केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा है।



वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर कहते हैं कि प्रदेश में 40 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं तथा विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने के कार्य से जुड़े हैं। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उन्हें बाजार उपलब्ध करवाने की है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने हिमईरा के माध्यम से राज्य में विभिन्न स्थानों पर नेशनल हाईवे के किनारे ऐसे 100 से अधिक आउटलेड खोलने का निर्णय लिया है, ताकि स्वयं सहायता समूहों को अपना सामान बेचने के लिए बाजार मिल सके। बौल केंद्र की सफलता उत्साहित करने वाली है।

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