शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

हिमाचलः कोरोना महामारी के खिलाफ महिलाओं की मोर्चा बंदी, पढ़ें खास खबर

शिमला। कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक जंग में हिमाचल प्रदेश की महिलाएँ सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मोर्चे पर डटी हैं। कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा फेस मास्क को अनिवार्य करने के बाद सबसे पहले मार्च 2020 में ऊना ज़िले की 38 स्वंय सहायता समूह की लगभग 400 महिलाओं ने फेस मास्क बनाने की शुरुआत की जोकि बाद में प्रदेश का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना। इन महिलाओं को फेस मास्क बनाने का प्रशिक्षण वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत  ग्रामीण विकास विभाग के माहिरों द्वारा प्रदान किया गया तथा विभाग ने प्रत्येक ज़िले में प्रशिक्षण प्रदान के लिए विशेष अधिकारी तैनात किए। ग्रामीण विकास विभाग  मंत्री श्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस समय राज्य के सभी 12 ज़िलों में स्वंय सहायता समूह की लगभग 12,000 महिलाऐं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप तीन परतों वाले उच्च गुणवत्ता के सर्जिकल मास्क बना रही हैं जिससे राज्य में फेस मास्क की मांग को पूरा किया जा रहा है।



mask2

इन मास्क की खुले बाज़ार में आपूर्ति बढ़ाने और पड़ौसी राज्यों को निर्यात करने की सम्भावनाएँ तलाशी जा रही हैं

 वीरेन्द्र कंवर ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि अभी तक राज्य के 1500 स्वंय सहायता समूहों के अन्तर्गत लगभग
12000 महिलाओं ने 40 लाख फेस मास्क, उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर उपलब्ध करवायें हैं। उन्होंने बताया कि एक अनुभवी दक्ष महिला तीन लेयर फेस मास्क की पांच से सात मिनट में सिलाई कर लेती है, तथा अपने घरेलू कामकाज निपटाने के बाद भी एक महिला औसतन 300 से 500 मास्क प्रतिदिन तैयार कर सकती हैं। शुरुआती दौर में फेस मास्क को बनाने के लिए कपड़ा तथा अन्य सामग्री ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदान की गई लेकिन अब यह महिलाएँ कच्चा माल स्थानीय मार्किट से स्वंय खरीद लेती हैं।

इन मास्क को तैयार करते समय महिलाएँ कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करते हुए मास्क, हैंड कवर, मशीनों की सैनेटाईज़ेशन आदि पूरी तरह सुनिश्चित करती हैं। इन महिलाओं द्वारा तैयार किए गए फेस मास्कों को ज़िला प्रशासन तथा डी.आर.डी.ए के अधिकारी उचित परिवहन, मार्किटिंग, सैनेटाईज़ेशन जैसी तार्किक सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन स्वंय सहायता समूहों के तत्वाधान में बनाए गए फेस मास्क को स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम अर्बन बॉडिज़ सहित विभिन्न सरकारी विभागों को प्रदान किया जा रहा है। इन मास्क को फ्रंट लाईन वर्कर, मनरेगा कार्यकर्ता तथा अन्य गरीब जरूरतमंद लोगों को मुफ्त प्रदान किया जा रहा है। ‘‘हिम ईरा’’ ब्रांड नाम से मार्किट में बेचे जाने बाले यह मास्क बाजार से काफी सस्ते दाम पर बेचे जाते हैं ताकि इन्हें आम जनमानस खरीद कर नियमित रूप से प्रयोग कर सके। इन मास्क की खुले बाज़ार में आपूर्ति बढ़ाने और पड़ौसी राज्यों को निर्यात करने की सम्भावनाएँ तलाशी जा रही हैं।



 वीरेन्द्र कंवर ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया……
 वीरेन्द्र कंवर ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के सबसे संगठित संगठन स्वंय सहायता समूह की महिलाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महामारी के प्रति शिक्षा, सजगता पैदा करने में व्हट्सऐप सहित अन्य संचार माध्यमों से अहम भूमिका निभा रही हैं तथा पिछड़े क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों तथा गरीब परिवारों को पौषाहार प्रदान करने के लिए भी स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने सामुदायिक रसोई का संचालन करके अब तक लगभग 30 टन खाद्यान्न इन वर्गों को प्रदान किया है जिससे लॉक डाउन के दौरान समाज के हर बर्ग को घर में ही भोजन की ब्यबस्था सुनिश्चित की जा सकी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button