अपराध/हादसेउत्तराखंडदेहरादून, उत्तरकाशी, बागेश्वर, टिहरी

Crime : महिला ने प्रेमी की मदद से पति की करा दी हत्या, प्रेमी के दोस्त सहित तीन गिरफ्तार

देहरादून। प्रेम संबंध में बाधक बने पति को महिला ने प्रेमी की मदद से ही रास्ते से हटा दिया। इस काम में प्रेमी के दोस्त ने भी सहयोग दिया। साथ ही हत्या को दुर्घटना में बदलने के पूरे इंतजाम किए गए। वहीं, पुलिस ने इस साजिश का खुलासा करते हुए महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया। घटना उत्तराखंड में देहरादून जिले की विकासनगर कोतवाली क्षेत्र की है।




लिखाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
पुलिस के मुताबिक, कालसी देहरादून के ग्राम रताड़ पोस्ट बजऊ निवासी संतराम (32 वर्ष) पत्नी इंद्रा देवी के साथ विकासनगर क्षेत्र में धनवंतरी अस्पताल रसूलपुर में रह रहा था। 13 फरवरी को उसकी पत्नी इंद्रा ने विकासनगर कोतवाली में संतराम की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। इसमें बताया गया कि उसका पति 12 फरवरी को घर रसूलपुर से काम के लिए हर्बरटपुर के लिए रवाना हुआ था, लेकिन वापस घर नहीं लौटा। इस पर पुलिस ने उसकी गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर ली थी।




पुलिस के मुताबिक 13 फरवरी को ही थाना कालसी पुलिस की ओर से बताया गया कि सहिया रोड जजरेड के पास एक दुर्घटना में बाइक सवार की मौत हो चुकी है। बाइक करीब सौ मीटर व शव करीब 50 मीटर गहरी खाई में हैं। शव को खाई से बाहर निकालकर संतराम के घरवालों से शिनाख्त कराई गई। संतराम के परिवार के लोगों ने उसकी हत्या का संदेह जाहिर किया। इस पर पुलिस हत्या के एंगिल से भी जांच करने लगी।






चेक किए घटनास्थल सहित अन्य इलाकों के 100 सीसीटीवी फुटेज
पुलिस टीमों ने घटनास्थल और आसपास के करीब सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक किए। साथ ही संतराम के मोबाइल नंबरों की डिटेल भी निकाली। संतराम की फोन कॉल में एक संदिग्ध नम्बर आशीष पुत्र मुकेश कुमार निवासी वार्ड नम्बर 2 आदर्श विहार हर्बटपुर थाना विकासनगर का भी मिला। संतराम की मौत वाले दिन उसकी लोकेशन संतराम के आसपास ही मिली। ऐसे में संदेह के आधार पर आशीष को पूछताछ के लिए पुलिस कोतवाली ले गई।







सख्ती से पूछताछ करने पर आशीष ने अपने साथी मुकेश के साथ मिलकर संतराम की हथौड़े से वार कर हत्या करने की बात कबूली। साथ ही बताया कि शव के साथ संतराम की बाइक को सहिया रोड जजरेड के पास खाई में फेंक दिया था। उसमें बताया कि हत्या की साजिश संतराम की पत्नी इन्द्रा देवी और उसके प्रेमी मुकेश ने रची थी।




आशीष से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने हत्या के मुख्य साजिशकर्ता मुकेश की तलाश की। वह मैजिक वाहन चलाता है। उसे वाहन के साथ बाईपास रोड़ से त्रिशला धर्मशाला जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार किया गया। साथ ही मृतक संतराम की पत्नी इन्द्रा को घटना के सम्बन्ध में पूछताछ के लिए चौकी बाजार बुलाया गया था। घटना के सम्बन्ध में सख्ती से जानकारी करने पर उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली। साथ ही उनकी निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त हथौडे को बरामद किया गया।







ये हैं आरोपी
1- आशीष कुमार पुत्र मुकेश कुमार निवासी वार्ड न0 2 आदर्श विहार हरबर्टपुर थाना विकासनगर देहरादून।
2- मुकेश (35 वर्ष) पुत्र ननकु निवासी तेलपुर थाना विकासनगर देहरादून।
3- इन्द्रा (30 वर्ष) पत्नी सन्तराम निवासी ग्राम रताड पो0 बजऊ तहसील कालसी देहरादून हाल निवासी धनवन्तरी चौक रसूलपुर विकासनगर।




प्यार में बाधक बने संतराम को रास्ते से हटाने की रची साजिश
घटना के सम्बन्ध में पूछताछ करने पर मुकेश ने बताया गया कि वह हर्बटपुर से कालसी रोड पर मैजिक वाहन चलाता है। पूर्व में हर्बटपुर से कालसी रुट की मैजिक वाहन यूनियन का अध्यक्ष भी रहा है। आशीष यूनियन में एजेन्ट का कार्य करता है। इस कारण दोनो की अच्छी दोस्ती हो गयी थी। उसने बताया कि 7-8 वर्ष पूर्व उसकी पहचान संतराम की पत्नी इन्द्रा से हुयी थी। इस दौरान उनकी आपस में फोन पर बाते होने लगी। बातचीत प्रेम में बदल गई। हम दोनो साथ रहना चाहते थे। संतराम के जिन्दा रहते यह सम्भव नही था। इसलिए मैने व इन्द्रा ने संतराम को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की योजना बनाई।




आशीष की मदद से की हत्या
मुकेश ने बताया कि उसने साथी आशीष की मदद ली। योजना के मुताबिक घटना के दिन मुकेश ने आशीष के माध्यम से संतराम को बड़े काम का ठेका दिलाने के बहाने आशीष के घर आदर्श विहार पिक्चर हाल वाली गली में बुलाया। जहाँ पहले से मुकेश भी आशीष के साथ में मौजूद था। संतराम आशीष के घर अपनी बाइक से पहुंचा तो घर पर घुसते ही मुकेश ने संतराम के सर पर हथौड़े से कई वार किए। इससे वह फर्श पर गिर गया। फिर थोडी देर में उसकी मृत्यु हो गयी।




दुर्घटना दिखाने को शव को खाई में फेंका
मुकेश के मुताबिक, आशीष की मदद से उसने संतराम के शव को चुन्नी से लपेट कर मैजिक वाहन पर रखा। इसके बाद कालसी से आगे सहिया रोड पर जजरेड के पास शव खाई में फेंक दिया। इसके बाद वह वापस आया और संतराम की बाइक को भी उसी स्थान पर ले गए और खाई से नीचे लुढ़का दिया। ताकि ऐसा प्रतीत हो कि संतराम की मौत दुर्घटना में हुई है।





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