कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लूबिलासपुर, चंबा, हमीरपुरशिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिसोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल

पीएम मोदी की रैली : पत्रकारों से चरित्र प्रमाण पत्र के आदेश पर पुलिस का यू टर्न

शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्तूबर को बिलासपुर के कोठीपुरा में एम्स (AIIMS) का उद्घाटन करने के बाद लुहणू मैदान में रैली को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के इस दौरे की कवरेज को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों से चरित्र प्रमाण पत्र मांगने के फरमान से विवाद खड़ा हो गया।



दरअसल पीएम के कार्यक्रम को कवर करने के लिए पत्रकारों को सुरक्षा पास के लिए एक चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। चुनाव आचार संहिता से ठीक पहले इस फरमान से पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया है और उसे अपने आदेश पलटने पड़े हैं।



इस पूरे घटनाक्रम के बीच सूबे के डीजीपी संजय कुंडू ने एक ट्वीट कर सफाई दी है कि प्रधानमंत्री के 5 अक्तूबर के हिमाचल दौरे की कवरेज के लिए सभी पत्रकार सादर आमंत्रित हैं। प्रदेश पुलिस पत्रकारों को कवरेज की सुविधा प्रदान करेगी। डीजीपी ने यह भी लिखा है कि किसी भी तरह की असुविधा के लिए खेद है।



वहीं, बिलासपुर के एसपी ने एक नई अधिसूचना जारी कर खेद जताते हुए कहा है कि पूर्व की अधिसूचना अनजाने में जारी हुई थी। एसपी की तरफ से कहा गया है कि सभी पत्रकारों, फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर की टीम व दूरदर्शन व आकाशवाणी के पत्रकारों का पीएम की कवरेज के लिए स्वागत है। कवरेज के लिए पत्रकारों के लिए पास डीपीआर व डीपीआरओ जारी करेगा।



बता दें कि बिलासपुर पुलिस प्रशासन की ओर से कुछ दिन पहले जारी अधिसचूना के मुताबिक पीएम की कवरेज के दौरान प्रिंट, निजी चैनल और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों के साथ आकशवाणी और दूरदर्शन के पत्रकारों को भी चरित्र सत्यापन के प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा गया था। इसे लेकर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने 29 सितंबर 2022 को एक आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की थी।




उधर, कांग्रेस नेता नरेश चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की कवरेज के लिए मीडिया कर्मियों से चरित्र प्रमाण पत्र मांगने के प्रशासन के फरमान को लोकतंत्र के लिए शर्मसार करने वाला बताया और इस पर कड़ी आपति जताई थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर जारी फरमान में कवरेज करने के लिए पत्रकारों को पास लेने के अलावा एसपी से चरित्र प्रमाण पत्र लेने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। चौहान ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली दफा है कि पत्रकारों से इस तरह चरित्र प्रमाण पत्र मांगे गए हैं। उन्होंने कहा कि काग्रेस ने इस आदेश को गंभीरता से लिया है और इस आदेश को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button