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25 हजार किसान परिवारों की जिन्दगी में बदलाव लाएगा जायका-2

ऊना। हिमाचल प्रदेश में बेहतर आधारभूत ढांचा विकसित कर किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए जायका-2 परियोजना में विशेष ध्यान दिया जाएगा। शीघ्र ही शुरू होने जा रही 1010 करोड़ की जायका परियोजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

जायका परियोजना का उद्देश्य किसानों को परंपरागत खेती से नकदी फसलों के उत्पादन की ओर प्रेरित करना है ताकि किसानों की आर्थिकी में सुधार लाया जा सके। इस परियोजना को जापानी अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजैंसी यानि जायका द्वारा वित्तपोषित किया गया है, जिसके दूसरे चरण में हिमाचल प्रदेश सरकार 1010 करोड़ रूपये की राशि कृषि के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में खर्च करने जा रही है। जायका फेज-1 परियोजना हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों तक सीमित थी, जो जून माह में समाप्त हो चुकी है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने इसके दूसरे चरण राज्य के सभी 12 जिलों को शामिल किया है।

हिमाचल प्रदेश में जायका परियोजना का दूसरा चरण मुख्यतया किसानों के लिए सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने पर केन्द्रित रहेगा। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 306 सिंचाई परियोजनाओं को निर्मित कर 9000 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा के दायरे में लाया जाएगा तथा किसानों को सिंचाई की नई तकनीक से भी जोड़ा जाएगा। किसानों के लिए स्प्रिंकलर तथा डिप इरिगेशन इकाइयां भी स्थापित होंगी।
सिंचाई सुविधा को बढ़ाने के साथ-साथ जायका-2 परियोजना के अन्तर्गत कृषि में उत्पादक क्षमता को उच्च तकनीक से बढ़ाने, पारंपरिक खेती के स्थान पर नकदी फसलों के उत्पादन तथा कृषि उत्पाद के विपणन के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने पर भी जोर रहेगा। किसान अपने कृषि उत्पाद को जल्द से जल्द मंडियों तक पहुंचा सकें, इसके लिए इस परियोजना के तहत खेत तक पहुंचने के लिए मार्गों का निर्माण भी किया जाएगा। जिससे उत्पाद की ढुलाई की समस्या नहीं रहेगी। परियोजना के तहत राज्य के लगभग 25 हजार किसान परिवारों की आय में बढ़ौतरी कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।

जायका-2 में मंडियों का होगा सुदृढ़ीकरण
जायका-2 परियोजना वर्ष 2021 से शुरू होकर 2029 तक चलेगी, जिसके तहत किसानों की सुविधा के लिए मंडियों का सुदृढ़ीकरण भी किया जाएगा। 30 करोड़ रूपये की लागत से राज्य में 13 मंडियों को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस परियोजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश में 5 किसान प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने जा रही है जिनमें से एक जिला ऊना के बंगाणा में स्थापित होगा। इसके साथ-साथ सोलन, पालमपुर, मण्डी व हमीरपुर में भी किसान प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाएंगे।

जायका-2 परियोजना के बारे में कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही इस महत्वकांक्षी और महत्वपूर्ण परियोजना को आरंभ करने जा रही है। उन्होंने कहा कि परियोजना से केवल कृषि से जुड़े किसान परिवार ही लाभान्वित नहीं होंगे बल्कि ग्रामीण युवाओं को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। कंवर ने कहा कि जायका परियोजना के तहत 10 किसान उत्पादक संगठन भी बनाये जाएंगे ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित दाम मिल सके।

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