राज्यपाल ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर बल दिया
शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में 12 मार्च से 18 मार्च, 2023 तक नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा आयोजित किए जा रहे 14वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि इस तरह के संवाद व आदान-प्रदान कार्यक्रमों के माध्यम से देश की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत, परम्पराओं एवं अर्थव्यवस्था की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ भारत निर्माण के लिए अपने कर्तव्य का पूर्ण समर्पण के साथ निर्वहन करने का आह्वान किया। नेहरू युवा केंद्र संगठन, हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न जिलों, विशेषकर छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश तथा उड़ीसा के लगभग 200 जनजातीय युवा भाग ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस तथा सशस्त्र सीमा बल के 20 जवान ने भी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
राज्यपाल ने इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की समृद्ध संास्कृतिक विरासत और सभ्यता को प्रदर्शित करने वाले युवाओं के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होेंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से पिछले 75 वर्षो में भारत में हुए विकास के प्रति व्यापक जागरूकता की परिकल्पना की गई है। यह कार्यक्रम जनजातीय युवाओं को विविधता में एकता की अवधारणा को अपनाने और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि देश के अगले 25 वर्ष की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अमृत काल’ कहा हेै।
उन्होंने कहा कि इस अमृतकाल के पांच संकल्पों में विकसित भारत, गुलामी की प्रत्येक सोच से स्वतंत्रता, विरासत पर गौरव, एकता तथा आपसी प्रेम और नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य निभाना शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को इन संकल्पों के कार्यान्वयन में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अमृतकाल के दौरान हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की आशाओं को पूर्ण करने के लिए हमें तीव्र गति से कार्य करने की आवश्यकता है तथा इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी के प्रयास तथा सभी के कर्तव्य की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय क्षेत्रों के लोगों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है।
कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समाज की समृद्ध संस्कृति, परम्पराओं तथा रीति-रिवाजों का आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय युवाओं को अन्य जनजातीय जिलों का भ्रमण भी करना चाहिए ताकि एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार हो सके। इस अवसर पर राज्यपाल ने सचिव राजेश शर्मा, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के विधि विभाग के अधिष्ठाता संजय सिंधु को सम्मानित भी किया।इसके उपरान्त, राज्यपाल ने जनजातीय युवा यात्रा को हरी झंडी दिखाई। नेहरू युवा केन्द्र संगठन के राज्य निदेशक सैमसन मसीह ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा संगठन की विभिन्न गतिविधियों से उन्हें अवगत करवाया।जिला युवा अधिकारी, मनीषा अधिकारी ने इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।