कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लूहिमाचल

हिमाचल में 12वीं के छात्रों के रिजल्ट का फार्मूला तय, जानिये बोर्ड अध्यक्ष क्या बोले

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने राज्य में जमा दो कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को लेकर शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष् और सचिव के साथ की बैठक
कुल्लू।  शिक्षा भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर आज मनाली में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी तथा सचिव अजय सूद के साथ राज्य में जमा दो कक्षाओं के परीक्षा परिणाम के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम से सम्बंधित व्याप्क , वस्तुनिष्ठ तथा सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ऐसा फार्मूला तैयार किया गया है, जिससे छात्रों का संपूर्ण मूल्यांकन सुनिश्चित हो। प्रदेश की जय राम सरकार के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अपने दायित्वों के निर्वहन में निरंतर अग्रणी रहा है।


शिक्षा मंत्री को अवगत करवाते हुए शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी ने कहा कि प्रदेश में 12वीं के बच्चों को अंक देने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के फार्मूले को ध्यान में रखा गया गया है। इसमें बच्चों को असैसमैंट करने या उन्हें अंक देेने के लिए सीबीएसई के पांच सूचकों (इंडीकेटर) को अपनाया गया है। इन पांच इंडीकेटरों के तहत बच्चों की इंटरनल असैसमैंट, प्रैक्टिकल/प्रोजैक्ट वर्क, 10वीं तथा 11वीं कक्षा में प्राप्त अंकों को महत्व देने के साथ बच्चों की प्री बोर्ड परफारमेंस को भी ध्यान में रखा गया है।


उन्होंने बताया कि सीबीएसई के पांच इंडीकेटरों को अपनाने के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तीन और सूचकों को आधार बनाया गया है जिसमें बच्चों का मूल्यांकन करने के लिए या उन्हें अंक प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा जो बच्चों की पहले तथा दूसरे सत्र की   आनलाईन परीक्षा करवाई गई है, को भी आधार बनाया गया है। दूसरा जो 12वीं कक्षा के बच्चों की 13 अप्रैल को अंग्रेजी विषय की परीक्षा करवाई गई थी उसे भी महत्व दिया गया है। प्रतिभाशाली या गुणी बच्चों को चिन्हित कर तथा उन्हें अंक प्रदान करने सहित अन्य बच्चों का भी परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है। इन अंको को देने के लिए बच्चों को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है तथा सभी विषयों को बरावर वरीयता प्रदान की गई है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का क्राईटीरिया और भी ज्यादा व्याप्क है तथा इसमें बच्चों ने जो साल भर पढ़ा है, उसके आधार पर 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा का परिणाम बनाने पर ध्यान दिया गया है।

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