मजदूरी करने पर भी बेटी की शादी नहीं हो रही थी; फिर सरकार की इस योजना से मिला लाभ
सिरमौर। हिमाचल प्रदेश में कई परिवार ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण अपने बेटी की शादी के खर्चे को लेकर चिंतित रहते हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के ऐसे ही आर्थिक रूप से कमज़ोर, निर्धन एवं गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक योजना चलाई जा रही है, जिसका नाम है मुख्यमंत्री शगुन योजना। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा 31000 रूपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जा रही है जिससे यह योजना ऐसे परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
घर का खर्चा चलाने में और भी अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा-कला देवी
जिला सिरमौर के विकास खण्ड राजगढ़ की ग्राम पंचायत सेर जगास के गांव नेरी रतोली की कला देवी, जोकि एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं, का कहना है कि उनके घर की माली हालत ठीक नहीं है और कुछ समय पूर्व उनके पति के आखों की रोशनी चले जाने के बाद तो घर का खर्चा चलाने में और भी अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनका 29 वर्षीय एक बेटा है जोकि बोलने में असमर्थ होने के कारण उसका ख्याल भी उन्हें ही रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मेहनत-मजदूरी करने के बावजूद भी वह अपनी बेटी के विवाह के लिए धनराशि नहीं जुटा पाने के कारण वह बहुत चिंतित थी। कला देवी ने बताया कि इसी दौरान उन्हें आंगनवाडी वर्कर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत बी.पी.एल. एवं गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए 31000 रूपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। यह जानकारी प्राप्त होने पर उन्होंने अपनी बेटी के विवाह के लिए मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय राजगढ़ में आवेदन किया जिसके उपरांत उन्हें 31000 रूपये का अनुदान विभाग के माध्यम से प्राप्त हुआ।
सरकार से आर्थिक सहायता मिलने से जहां उन्हें अपनी बेटी का विवाह करने में आसानी हुई-कला देवी
कला देवी ने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत सरकार से आर्थिक सहायता मिलने से जहां उन्हें अपनी बेटी का विवाह करने में आसानी हुई वहीं किसी अन्य से आर्थिक मदद मांगने की आवश्यता भी नहीं पड़ी। प्रदेश सरकार द्वारा गरीब एवं बेसहारा बेटियों के विवाह के लिए आरम्भ की गई मुख्यमंत्री शगुन योजना उनकी बेटी के विवाह के लिए वरदान सिद्ध हुई है। उन्होंने गरीब एवं निर्धन परिवारों की बेटियों को विवाह के लिए अनुदान राशि प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के लिए प्रदेश सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री शगुन योजना की विस्तृत जानकारी
देते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी आभा पंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के अन्तर्गत विकास खंड राजगढ़ की 32 बेटियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया गया है, जिसके तहत विभाग द्वारा 9,92,000 रूपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कन्या के माता-पिता या अभिभावक द्वारा अथवा बेसहारा होने की स्थिति में बेटी स्वयं बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में अथवा आंगनवाडी वर्कर या सुपरवाईज़र के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाता है। इस योजना के
अंतर्गत विवाह के एक महीने पहले या विवाह के छः महीने के भीतर भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन स्वीकृत होने के बाद योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत यदि बेटी हिमाचल से बाहर भी विवाह करती है, तब भी वह इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए वधू की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वर की आयु 21 वर्ष होना अनिवार्य है। प्रदेश की गरीब, असहाय व जरूरतमंद परिवार एवं बेटियां सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।