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हिम आंचल एजूकेशन व वेलफेयर सोसायटी ने करवाई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

हमीरपुर 18 जुलाई-राष्ट्रीय शिक्षा नीति सही मायनों में शिक्षा का भारतीयकरण है। इसका उद्देश्य कला, विज्ञान, वाणिज्य व व्यवसायिक शिक्षा में अंतर को पाटना है। हमीरपुर के गौतम कालेज सभागार मे सोमवार को हिम आंचल एजूकेशन व वेलफेयर सोसायटी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियांवयन तथा चुनौतियां विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्यातिथि सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. देवदत्त शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि परंपरागत ज्ञान सामान्य ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के पश्चात देश में 220 भाषाएं व बोलियां लुप्त हो गई। भाषा के अंत के साथ ही संस्कृति व संस्कार भी समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी शिक्षा नीतियां क्या पढ़ना है पर केंद्रित थी लेकिन नई शिक्षा नीति कैसे पढ़ना है के मूल विचार पर केंद्रित हैं।




उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में एकेडमिक क्रेडिट बैंक छात्रों के लिए बेहद मददगार साबित होगा। कार्यक्रम में हिम आंचल एजूकेशन व वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने कहा कि 70 वर्षों से देश में चली आ रही लार्ड मैकाले आधारित शिक्षा नीति को बदलने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा आधारित सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में विद्यार्थी, शिक्षाविद् व इससे जुड़े हुए लोगों की ही भूमिका रही है। उन्होंने सोसायटी की गतिविधियों की जानकारी रखते हुए बताया कि इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को हुनरमंद बनाने के लिए उन्हें मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया और 40 पंचायतों में युवा खेल उत्सवों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोसायटी के माध्यम से रक्तदान शिविर आयोजित करवाए जाते हैं और करोना काल में मास्क, सेनेटाइजर,और 500 से अधिक परिवारों को राशन मुहैया करवाया गया। दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए हिप्र उच्च शिक्षापरिषद् के चेयरमैन डा सुनील गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा


नीति को धरातल पर लागू करना सबसे महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में शिक्षक महत्वपूर्ण घूरीहै। उन्होंने कहा कि हिंदी इस देश की आत्मा है और पूरे देश में हिंदी भाषी लोग हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी शिक्षा नीतियां डिग्री आधारित थी जबकि नई शिक्षा नीतिज्ञान आधारित हैं। अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए हिप्र स्कूल शिक्षाबोर्ड के चेयरमैन डा. सुरेश सोनी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सबका साथ, सबका विश्वास मिला है अब इसे जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए सबके प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि भारत का डीएनए सनातनी है। देश में कौशल विकास अधारित शिक्षा को मजबूत करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड नेटर्म सिस्टम लागू किया है जिससे जमा दो का परिणाम 94 फीसदी और 10वीं का परीक्षा परिणाम 88 प्रतिशत पहुंच गया है।

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