हॉस्टल कंटिन्यूएशन फीस न ली जाए : एबीवीपी
शिमला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने 29 दिसंबर 2021 को विभिन्न छात्र मांगो को लेकर मुख्य छात्रपाल को ज्ञापन सौम्पा | विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा कोविड19 जैसी वैश्विक महामारी के दौरान छात्रों से छात्रावास निरंतरता शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए | विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों से हॉस्टल कंटिन्यूएशन फीस न ली जाए | इसी मांग को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुख्य छात्रपाल को ज्ञापन सौंपा. विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि पूरे वर्ष छात्र अपने हॉस्टल में नहीं रहे हैं तो ऐसे में विश्विद्यालय प्रशासन छात्रों से छात्रावास निरंतरता फीस न लें। इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि बीते एक वर्ष से कोरोना के चलते हॉस्टल बंद रहे और कोई भी छात्र हॉस्टलों में नहीं रहा है.बीते वर्ष में किसी भी छात्र ने हॉस्टल की किसी भी सुविधा का कोई भी प्रयोग नहीं किया है. छात्रों ने न तो बिजली का,न पानी का उपयोग किया है और न ही वह हॉस्टल में रहा है. लेकिन अब विश्विद्यालय प्रशासन पास आउट हो चुके छात्रों से भी हास्टल निरंतरता फीस मांग रहा है और जो छात्र फीस चुकाने के लिए मना कर रहे हैं विश्विद्यालय प्रशासन उनकी डिग्री नहीं दे रहा है जो कि सरासर गलत है।
किराए के कमरे में रहने को मजबूर थे छात्र
हॉस्टल बंद होने से छात्र पूरे वर्ष किराए के कमरे में रहने को मजबूर थे. जिसमें की उन छात्रों को कमरे का किराया,राशन, पानी का बिल और भी बहुत सारे अतरिक्त खर्चों का बोझ पड़ा था. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से हॉस्टल निरंतरता फीस मांगेगा तो इससे छात्रों पर और अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जो सही नहीं है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए विद्यार्थी परिषद का कहना है
कि किसी भी छात्र से हॉस्टल कंटीन्यूशन फीस विश्विद्यालय प्रसाशन न ले, क्यूंकि पहले ही छात्र बहुत सी परेशानियों का सामना कर रहा है और ऊपर से यदि कोई अतिरिक्त बोझ पड़ेगा तो यह छात्रों के लिए मुश्किल हो जाएगा. वहीं कोविड महामारी में विश्वविद्यालय प्रशासन को बिजली व पानी का बिल सामान्य परिस्थितियों के मुकाबले में नाम मात्र का रहा है. ऐसे में छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए हॉस्टल निरंतरता फीस माफ करने के फैसले को अमलीजामा पहनाना चाहिए और छात्रों को राहत देनी चाहिए |साथ ही साथ उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द प्रशासन उनकी मांगो को नहीं मानता है तो आने वाले समय में प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ेगा जिसके लिए प्रशासन स्वंय जिम्मेदार होगा.