शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए प्रदेश सरकार के सशक्त प्रयास

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा इस दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। आज शिमला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला को हिमाचल प्रदेश, विश्वविद्यालय, बोर्ड या अन्य निर्दिष्ट परीक्षाओं में कदाचार की रोकथाम अधिनियम, 1984 (हिमाचल प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ मालप्रैक्टिसिज एट यूनिवर्सिटी, बोर्ड ऑर अदर स्पेसिफाइड एग्जामिनेशन्ज एक्ट, 1984) के तहत लाने का निर्णय लिया ताकि किसी भी प्रकार के कदाचार पर रोक तथा उम्मीदवारों के चयन में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।




इससे पहले, प्रदेश सरकार ने 21 फरवरी, 2023 को पिछले तीन वर्षों के दौरान हुई अनियमितताओं के मद्देनज़र हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर को तत्काल प्रभाव से भंग करने का निर्णय लिया था। प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस दिशा में भर्ती के राष्ट्रीय मॉडल का अध्ययन करने के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं।




प्रदेश सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी नौकरी या अन्य प्रवेश परीक्षा देने वाले योग्य छात्रों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ न हो। भर्ती प्रक्रिया के लिए उन्हें ऐसा परिवेश प्रदान किया जाए जो शतप्रतिशत पुख्ता होने के साथ-साथ विश्वसनीय एवं पारदर्शी भी हो।



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