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आर्मी चीफ ने बताया, सेना के जवानों में क्यों कम है कोरोना संक्रमण
शिमला। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल एमएम नरवणे ने अपने हिमाचल दौरे के दौरान आज राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। अपनी शिष्टाचार भेंट में उन्होंने सेना और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के साथ बातचीत के दौरान राज्यपाल ने चीन से लगते प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी अधोसंरचना के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सेना की सड़कों, हेलीपैड और अन्य अधोसंरचना के विकास में अहम भूमिका है। सीमा से लगते गांवों के युवा रोजगार के अवसरों की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है। हमें स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार और रोजगार की संभावनाओं का पता लगाना चाहिए।
दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों के लगभग हर घर से युवा भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं और पूर्व सैनिकों की संख्या भी काफी अधिक है। उन्होंने सेना प्रमुख के समक्ष शिमला के वाॅकर अस्पताल का मुद्दा भी उठाया। जनरल नरवणे ने कहा कि वह पहले शिमला में आरट्रैक में सेवाएं प्रदान कर चुके हैं और हिमाचल को अपना पुराना घर मानते हैं तथा यहां आकर उन्हें हमेशा खुशी मिलती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुश्मन की हर नापाक कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि जहां तक चीन के साथ सीमा का सवाल है, इस विषय में बातचीत हो रही है और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना पूरी तरह से सतर्क है और सीमा पर बड़े पैमाने पर पर्याप्त संख्या में सैनिक और मशीनरी तैनात की गई है।
उन्होंने कहा कि सेना ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए आगामी 5 से 10 वर्षोें के लिए योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इससे इन क्षेत्रों के विकास में सहायता मिलेगी और युवाओं का पलायन भी रुकेगा। जनरल नरवणे ने कहा कि युवाओं में सेना के प्रति काफी उत्साह है और बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होने के लिए तैयार हैं। देश के हर जिले को सेना में प्रतिनिधित्व प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र शिमला के वाकर अस्पताल को शुरू करने के प्रयास किये जाएंगे।