शिमला। सोमवार को एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने ERP SYSTEM की खामियां व PG के रिजल्ट घोषित न होने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने वीसी ऑफिस के बाहर छात्रों को आ रही समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया। जिसमें बात रखते हुए कैंपस अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 2013 में ERP सिस्टम विश्वविद्यालय में लाया था जिसके साथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत हुई थी। लेकिन आज 9 साल बीतने जाने के बाद भी प्रशासन ERP सिस्टम को सही रूप से स्थापित नहीं कर पाया है। जिस वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों के जब एग्जाम फॉर्म भरें जाते हैं। तो ERP सिस्टम की खामियों की वजह से समय पर फार्म नहीं भर पाते हैं व दूसरी तरफ जब रिजल्ट घोषित किया जाता है उस समय ERP सिस्टम में खामियों की वजह से छात्रों के आधे अधूरे रिजल्ट निकलते हैं। ERP सिस्टम के चलते जब कोई छोटी सी भी गलती होती है तो विश्वविद्यालय उसको ठीक करने की 600 रुपये छात्रों से वसूल करता है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एग्जामिनेशन विंग को ठेके पर दे दिया है जिसके तहत ऑनलाइन पेपर चेक करने का प्रावधान किया गया है। इसमें ठेकेदार के द्वारा रखे गए लोगों द्वारा एग्जामिनेशन शीट की स्केनिंग की जा रही है व शीट कहां चेक हो रही है इसका पूरा ब्यौरा ठेकेदार के पास है। जिसमें एग्जाम चेकिंग की सीक्रेसी पर सवाल खड़ा होता है। किसी भी विश्वविद्यालय के कर्मचारी को स्केनिंग की जिम्मेवारी नहीं दी गई है। अब सवाल पैदा होता है कि अगर इस प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
ठेकाकरण के माध्यम से विश्वविद्यालय के फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस धरने में आगे बात रखते हुए शहबाज खान ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगस्त सितम्बर 2021 में PG के एग्जाम करवाए थे लेकिन लगभग 6 माह का समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन रिजल्ट घोषित करने में पूरी तरह नाकाम रहा है। रिजल्ट में देरी का मुख्य कारण एग्जाम विंग का ठेकाकरण है। अब 3 मार्च से PG के एग्जाम होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक छात्रों के रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं। इस कारण प्रशासन द्वारा छात्रों के भविष्य से साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यदि किसी छात्र ने री अपीयर के एग्जाम भरने हैं तो वो कैसे फॉर्म भरेगा जबकि उसका पिछले रिजल्ट ही अभी घोषित नहीं किया गया है। आगे बात रखते हुए उन्होंने कहा कि एसएसआई लंबे समय से मांग कर रही है कि छात्रों से 2020-21 वर्ष की हॉस्टल Continuation fee नहीं ली जाए क्योंकि इस दौरान पूरे करोना काल के अंदर कोई भी छात्र वह हॉस्टल के अंदर नहीं रहा है परंतु फिर भी विवि प्रशासन छात्रों से Continuation Fee लेने का फरमान जारी किया है एसएसआई इसकी कड़ी निंदा करती है और वह मांग करती है कि इन इस फरमान को जल्दी से जल्दी वापस लिया जाए। SFI ने आज धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की यदि परीक्षा होने से पहले जल्द ही छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए जाते है और हॉस्टल के इस बेतुकी फरमान को वापस नहीं लिया जाता है तो SFI छात्रों को लामबंद कर एक उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी जिसका जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।