हिमाचल में यहां 3 जून से शुरू होगा सैंपलिंग महाअभियान, हर घर से एक व्यक्ति का होगा कोरोना टेस्ट
मंडी। मंडी जिला प्रशासन ने एक बड़ी पहल करते हुए जिला में 17 दिनों का कोरोना सैंपलिंग महाअभियान छेड़ा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमें जिला में हरेक पंचायत और शहरी निकायोें में जाकर कोरोना की जांच करेंगी । हर ब्लॉक में 3-3 टीमें जांच के लिए लगाई गई हैं। जो कुल मिलाकर जिला में रोजाना 3500 से 4 हजार सैंपल लेंगी।यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान 3 जून से 20 जून तक चलाया जाएगा। इन 17 दिनों में जिला की सभी 559 पंचायतें व शहरी निकाय कवर किए जाएंगे।
पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स का अहम रोल
उपायुक्त ने कहा कि सैंपलिंग महाअभियान में ग्राम पंचायत प्रधानों के नेतृत्व में बनाई गईं पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स का अहम रोल होगा। ये अपने वहां सैंपलिंग महाअभियान के सुचारू संचालन का जिम्मा देखेंगी। बता दें, प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स के गठन को लेकर आदेश जारी किए थे। हर पंचायत में ग्राम पंचायत प्रधान की अध्यक्षता में बनी इस टीम में संबंधित पंचायत के वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव व सहायक, पटवारी, पंचायत में आने वाली पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद विभाग के कर्मी, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत में रहने वाले कोई शिक्षक, नेहरू युवा केंद्रों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य इत्यादि शामिल हैं।
हर घर से कम से कम एक सैंपल के प्रयास
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रत्येक पंचायत और शहरी निकाय में हर घर से कम से कम एक सैंपल जरूर लिया जाए। ताकि कोरोना संक्रमण के फैलाव की गहनता का पता चल सके। और कोरोना मुक्ति के लिए निर्णायक प्रयास किए जा सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जिला में शहरों के मुकाबले गांवों में संक्रमण के अधिक मामले आए। ऐसे में अब जब संक्रमण की दर 10 फीसदी से नीचे आ गई है, यह जांचना बहुत जरूरी है कि गांवों में हालात में कितना सुधार हुआ है। ताकि कोरोना के वापिस फैलने के खतरे को खत्म किया जा सके। उपायुक्त ने जिलावासियों से आग्रह किया कि वे सैंपलिंग के लिए आगे आएं और कोरोना मुक्ति के निर्णायक प्रयासों में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि सैंपलिंग के लिए गई मेडिकल टीम के कहने पर भी जो लोग कोरोना सैंपलिंग में आनाकानी करेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है ।