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राज्यपाल ने नवाचार और नई तकनीकें अपनाने पर बल दिया

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 शिमला ।  राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के तीसरे दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए नवाचार और नई तकनीकें अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्व में केवल वही देश प्रगति कर रहे हैं जिन्होंने नई तकनीकों को प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने 162 विद्यार्थियों को डिग्रियां और 43 को मेडल प्रदान किए जिनमें 22 स्वर्ण पदक और 21 रजत पदक शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लाॅक चेन टेक्नोलाॅजी, बिग डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, बायो-टेक्नोलाॅजी और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में बदलाव इंजीनियरिंग के पारंपरिक तरीकों को चुनौती दे रहे हैं। हमारे पास इन प्रौद्योगिकियों का पूरा उपयोग कर देश को एक नए स्तर पर ले जाने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब अधिकतम युवाओं को सर्वोत्तम शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्रदान किया जाए।



इसके लिए विश्वविद्यालयों को आधुनिक तकनीक के साथ रचनात्मक आधार पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और यह आशा की जाती है कि हमारी योग्य युवा पीढ़ी इस नए युग का आधार बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, आत्मनिर्भरता के लिए ज्ञान और कौशल की नई प्रतियोगिता प्रौद्योगिकी में अग्रणी भूमिका निभाएगा। गुणवत्ता, सामथ्र्य और पहुंच उच्च शिक्षा प्रणाली के मुख्य तत्व होने चाहिए और इसे बहुत अधिक क्षेत्रीय अंतर की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उच्च शिक्षा नीति-2020 इस उद्देश्य की प्राप्ति में सहायक होगी। बंडारू दत्तात्रेय ने इस दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन का श्रेय भी इस विश्वविद्यालय को जाता है। राज्यपाल ने कहा कि उन विद्यार्थियों के लिए आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं जो सदैव ज्ञान अर्जन, कौशल विकास की दिशा में उत्साह के साथ कार्य करते हैं। अनेक भारतीय युवाओं ने अपने कौशल के दम पर आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए विश्व स्तरीय सफलताएं अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन अवसरों का लाभ उठाकर युवा रोजगार मांगने के बजाय रोजगार प्रदाता बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार, उद्यमिता और सतत कार्यक्रमों के माध्यम से बहुत कम समय में शिक्षा क्षेत्र को बड़ा योगदान दिया है। परिणामस्वरूप, यह विश्वविद्यालय वैश्विक चुनौतियों के समाधान ढूंढने की दिशा में भी सराहनीय कार्य कर रहा है।



तकनीकी शिक्षा मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा ने राज्यपाल का स्वागत किया और विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लगातार तीसरे दीक्षांत समारोह को आयोजित करने के लिए बधाई दी। उन्होंनेे कहा कि विश्वविद्यालय सीखने का सबसे बड़ा संस्थान है। उन्होंने आशा वयक्त की कि इस विश्वविद्यालय से उतीर्ण होने वाले विद्यार्थी देश में उत्कृष्टता का उदाहरण स्थापति करेंगे। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई की सभी डिग्री धारक अपने माता-पिता और शिक्षकों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। इससे पूर्व, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने राज्यपाल को सम्मानित किया और विश्वविद्यालय की विशेष उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थियों को अगले शिक्षा सत्र से अंग्रेजी व हिन्दी दोनों भाषाओं में पढ़ाई की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम समग्र दृष्टिकोण के साथ अनेक विषयों पर बदलाव के साथ कार्य कर है।



इससे पूर्व राज्यपाल ने तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर दरूही में रूद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने 9.78 करोड़ से बनने वाले गल्र्ज हाॅस्टल भवन की आधारशिला भी रखी।  हमीरपुर के विधायक व विश्वविद्यालय शासी निकाय के सदस्य नरेंद्र ठाकुर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डाॅ. एच.के. चैधरी सहित शासकीय व शैक्षिक परिषद् और अन्य विशिष्ट लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।



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