बिलासपुर, चंबा, हमीरपुरहिमाचल

बिलासपुर ,खेल परिसर लुहनु में जलभराव के लिए जिम्मेदारी तय हो : संदीप सांख्यान

बिलासपुर। कांग्रेस सेवादल के महामंत्री संदीप सांख्यान ने प्रैस को जारी बयान में आरोप लगाया है कि प्रदेश के खेल है कि बिलासपुर में यदि सरकारी संपति की देखभाल समय रहते नहीं गई तो करोड़ों की खेल संपति कब गोविंद सागर झील में समा जाएगी। इंडोर स्टेडियम के बाहर सीवरेज का गंदा पानी जलभराव का भयावह मंजर प्रस्तुत करता है। हलकी सी बारिश होने पर यह स्थान किसी तालाब से कम नहीं होता। बीती शाम हुई हल्की सी बारिश से एक बार फिर वहीं दृश्य देखने को मिला। इन दिनों यहां पर हाॅस्टल के ट्रायल चल रहे हैं।


बाहर से आए बच्चों ने जब यह व्यवस्था देखी तो वे परेशान हो गए। गौर हो कि जब यहां पर गंदा पानी रूक जाता है तो यह स्थान काफी घंटों तक क्रिकेट स्टेडियम, लुहणु और अन्य गांवों से कट जाता है। संदीप सांख्यान ने कहा कि प्रदेश के खेल हब कहे जाने वाले लुहनू खेल परिसर की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह कहना है जिला कांग्रेस सेवादल के महामंत्री संदीप सांख्यान का। सितंबर माह 2020 और 23 अप्रैल 2021 को भी इस मसले को उठाया गया था लेकिन विडंबना देखिए कि सदर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और खेल विभाग के अधिकारी अभी तक भी जाग नहीं पाए हैं। संदीप साख्यांन ने कहा कि इंडोर स्टेडियम के सामने और अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स ट्रैक के बगल में जो पिछले कल की थोड़ी सी बारिश से जलभराव हुआ । जब 23 अप्रैल 2021 को यह मसला उठाया गया था तो उसका फायदा यह हुआ कि कहलूर खेल परिसर में पानी के निकासी का काम तो शुरू कर दिया गया लेकिन ठेकेदार आधा अधूरा काम छोड़ कर छुट्टी पर चला गया था लेकिन वर्तमान में स्थिति जस की तस बनी हुई है।



पिछले ढाई वर्षों से उठने वाले इस मसले का अंजाम यह हो गया है कि इनका ड्रेनेज सिस्टम आज भी काम नही कर रहा है। ऊपर से इसी खेल परिसर में विभिन्न खेलों के ट्रायल चल रहे है तो ऐसे में ट्रायल देने वाले प्रतिभागी और उनके संरक्षक क्या संदेश लुहनु खेल परिसर से लेकर जा रहे है। कई करोड़ो की लागत से बना अंतराष्ट्रीय एथेलेटिक्स ट्रैक की डेमेज हो सकता है। कुछ वर्ष पहले बनी लाखो की लागत से बनाई गई फेंसिंग वाल बेवहज तोड़ दी गई थी। जो सीधे सीधे सरकारी पैसे का दुरुपयोग का मसला बन गया है।अब पहले पानी की निकासी का सिस्टम बनेगा फिर से लाखों रुपये खर्च करके फेंसिंग वाल दोबारा बनाई जाएगी तो क्यों न पहले बनाई गई फेंसिंग वाल की कुल लागत की जिम्मेदारी भी तो तय होनी चाहिए। बेहतर होता कि वहां पर लगी। फेंसिंग वाल को मद्देनजर रख कर ही ड्रेनेज सिस्टम को प्रॉपर ढंग सेबनाते। यह एक बड़ी लापरवाही के चलते और सरकारी पैसे के दुरुपयोग का मामला बनता जा रहा है। लापरवाही इतनी है कि इस काम को देखने वाला अधिकारिक तौर पर कोई भी अधिकारी सामने नहीं आ रहा है। खेल विभाग और सरकार सोई हुई है। इसके लिए जिम्मेदार है। बिलासपुर के कहलूर खेल परिसर में बने इस सिंथेटिक एथेलेटिक्स ट्रैक की कहानी भी अजब है।



यह करीब 1 दशक पहले प्रदेश में भाजपा की धूमल सरकार ने इस सिंथेटिक ट्रैक को यहां से हमीरपुर में शिफ्ट कर दिया था और तत्कालीन खेल मंत्री व वर्तमान विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर के सिंथेटिक ट्रैक बनाने के सपने को धूमिल कर दिया था। अब जब इस सिंथेटिक ट्रैक को दोबारा राम लाल ठाकुर ने बनवाने की जद्दोजहद की तो उन्होंने इसका बेस भी लाखों की लागत से बनवा दिया और यह वर्तमान सरकार के समय तैयार किया गया जबकि इसकी सेंक्शन मनी पूर्व की स्वण् वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार के समय आ चुका था ए तो प्रॉपर ड्रेन सिस्टम न होने और बेतरतीब ढंग से बनाये जा रहे ड्रेनेज सिस्टम से फेंसिंग वाल गिरने से इस बेशकीमती सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक पर खतरा मंडरा गया है। मेरा प्रदेश सरकार खेल विभाग और जिला प्रशासन से अनुरोध है कि कहलूरए लुहनू खेल परिसर में जो ड्रेनेज का काम किया जा रहा है उसको तुरत प्रभाव से शुचारु किया जाए ताकि इस सिंथेटिक एथेलेटिक्स ट्रैक को नुकसान से बचाया जाए और फेंसिंग वाल को पहुंचे नुकसान की भी जबांदेही तय की जाए।

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