बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग : गर्ग
बिलासपुर । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व वरिष्ठ नागरिक सभा घुमारवीं द्वारा जिला स्तरीय वरिष्ठ नागरिक दिवस आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्ष्ता आज घुमारवीं में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने की। इस दिवस पर उन्होंने सभी वरिष्ठ नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति कहती है कि हमे हमेशा अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और यही हमारी परिकल्पना के साथ हमारे संस्कार भी दर्शाते है। यह दिवस बुजुर्गों का सम्मान और अधिकार तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी है।
उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को सिखाया है कि बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है परंतु यह विचारणीय पहलु है कि भारत जैसे देश में भी हमे वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाना पड़ रहा है और यह भी विंडवना है कि जिन अभिभावकों एवं बुजुर्गों ने हमें जन्म दिया, पाला, पोसा, पढ़ाया और एक मुकाम दिया उनके आखिरी सफर के आखिरी पढ़ाव में जब उन्हें सेवा की अति आवश्यकता है उस समय उन्हें वृद्धाश्रम में भेजना हमारे लिए पीड़ादायक है।उन्होंने कहा कि जिस घर को बनाने में एक इंसान अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है वृद्ध होने के बाद उसे उसी घर में एक तुच्छ वस्तु समझा जाता है। बुजुर्गों के साथ यह व्यवहार देखकर लगता है जैसे हमारे संस्कारों में कोई कमी रह गई है। बुजुर्गों के साथ होने वाले अन्याय के पीछे एक मुख्य बजह सोशल स्टेटस मानी जाती है।
उन्होंने कहा कि वृद्धास्था में कई रोगों का सामना करना पड़ता है, चलने में दिक्कत होती है लेकिन यह इस समाज का सच भी है कि जो आज जवान है उसे कल बुढ़ा भी होना है और इस सच से कोई नहीं बच सकता। इस सच को जानने के बाद भी हम बुजुर्गों पर अत्याचार करते है। हमें समझना चाहिए कि वरिष्ठ नागरिक समाज की अमूल्य विरासत होते है। उन्होंने देश और समाज को बहुत कुछ दिया होता है। उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक अनुभव होता है। आज का युवा वर्ग राष्ट्र को ऊचाइयों पर ले जाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों का लाभ उठा सकता है इसलिए बुजुर्गों के जीवन की इस अवस्था में उनकी देखभाल और एहसास करवाए जाने की जरूरत होती है। बुजुर्गों का आर्शीवाद हमारी सफलता और सुखमय जीवन के लिए बहुत मायने रखता है अतः नई पीढ़ी को इसका अनुसरण करना चाहिए।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन से बुजुर्ग बने आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का गठन होते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बुजुर्गों के दुख-दर्द को समझते हुए पहली केबनेट बुजुर्गों को समर्पित करते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए बुजुर्गों की आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष कर दी और पेंशन राशि भी 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई। इसके अतिरिक्त 65 से 69 वर्ष की महिलाओं के लिए भी 1000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा बहुत सी सुविधाएं वरिष्ठ नागरिकों को दी जा रही है और बुजुर्गों के लिए चार धाम यात्रा का प्रावधान भी रखा गया है।
बुजुर्गों को किया सम्मानित
इस अवसर पर 95 वर्षीय कृष्ण दत, 92 वर्षीय प्रभु राम तथा 90 वर्षीय पुरूषोतम शर्मा व लक्ष्मण दास को सम्मानित किया गया और इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिक सभा के प्रधान श्याम लाल, महा सचिव हरि सिंह ठाकुर तथा प्रेम सिंह को भी सम्मान दिया गया। समारोह में अनुवर्ती कार्यक्रम योजना के तहत 11 महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित की गई।
इस मौके पर जिला कल्याण अधिकारी उर्मिल पटियाल तथा तहसील कल्याण अधिकारी जगदीश शर्मा ने बुजुर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, सुविधाओं और कार्यक्रमों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए लोगों को जागरूक किया। इस दिवस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई।
कार्यक्रम में ये सभी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में मण्डल महामंत्री राजेश शर्मा, जिला भाजपा प्रवक्ता प्रेम सागर भारद्वाज, अनुसूचिजाति के मण्डल अध्यक्ष धनी राम सौंखला, शहरी इकाई के अध्यक्ष कर्म चंद, सभी पार्षदगण, जिला कल्याण अधिकारी उर्मिल पटियाल, तहसील कल्याण अधिकारी जगदीश शर्मा सहित अनेक वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।