शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

काजाः रेस्क्यू किए सदस्य काजा पहुंचे, काजा अस्पताल में दिया गया प्राथमिक उपचार

काजा। खंमीगर ग्लेशियर पर ठहरे पर्वतारोही दल के रेस्क्यू किए गए सदस्यों का काजा पहुंचाया गया। सीएचसी काजा में इनका प्राथमिक उपचार किया गया। इनमें एक शेरपा छह पोटर और तीन सदस्य थे । 10 सदस्यों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं एक पोटर और एक सदस्य पहले से रेस्क्यू दल के साथ काह से आईटीबीपी कैंप के लिए गया था जोकि अब काजा पहुंच गया।  काजा में कुल दल के 12 सदस्य पहुंच गए है। जबकि चार पोटर दो शवों के साथ खंमीगर ग्लेशियर  से नीचे लाए जा रहे है। उन्हें आईटीबीपी बेस कैंप पर लाया जा चुका हैै। जिलाधीश नीरज कुमार ने बताया कि  काजा पहुंचने पर दल के सदस्यों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। इनमें से दो सदस्यों को फ्रास्ट बाईट हुआ था। सभी सदस्य स्वस्थ हैं। मैं रेस्क्यू दल में आईटीबीपी, डोगरा स्काउट और पोटर का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस रेस्क्यू आपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसके साथ ही स्पिति प्रशासन के एडीएम और उनकी टीम ने समन्वय में काफी भूमिका निभाई है। जल्द ही दोनों शवों के साथ चार पोटरों को भी काजा रेस्क्यू करके लाया जाएगा। अभी आईटीबीपी के बेस कैंप पर पहुंच चुके है। एडीएम मोहन दत शर्मा ने सभी दल के सदस्यों का हाल जाना है। पश्चिम बंगाल के मंत्री से फोन के माध्यम से सदस्यों के बात हुई है।




15 सिंतबर को बातल से 18 सदस्यीय दल रवाना हुआ है। इसमें 6 सदस्य, एक शेरपा और 11 पोटर थे। इनका ट्रेक बातल, बड़ा ग्लेशियर, खंमीगर ग्लेशियर यहीं से यूटर्न के साथ मनीकर्ण पहुंचना था। खंमीगर ग्लेशियर पहुंचने तक यह सात जगह रूके थे। बर्फबारी के कारण इन्होंने अपना आगे का सफर जारी नहीं रखा था। 24 सिंतबर जैसे ही आठवें प्वाईट पर पहुंचे तो सदस्य संदीप ठाकुराता और भास्कदेव मुखोप्धाय पीछे रह गए थे। ये दोनो सदस्य टेंट तक पहुंच ही नहीं पाए तो शेरपा व एक अन्य पोटर पीछे गए और जिस स्थान पर दोनों रूके हुए थे। वहीं पर टेंट लगा दिया और उन्हें स्लीपिंग बैग के साथ टेंट में ठहरा कर वापिस आगे आ गए। 25 सिंतबर को तीन पोटर उन दोनों को सदस्यों को देखने के लिए करीब सात बजे सुबह गए। लेकिन जब पहुंचे तो दोनों सदस्यों की मौत हो चुकी थी। तीनों पोटर वापिस पहुंचे और दल के अन्य सदस्यों को मृतकों की सूचना दी। फिर दल ने फैसला किया कि स्थानीय प्रशासन को इसके  बारे में सूचित किया जाए और सदस्य अभिजीत के साथ पोटर जीवन को काजा तुरंत रवाना किया गया। इन दोनों को दो दिन काजा पहुंचने में लग गए। 27 सिंतबर की सुबह दोनों ने एडीएम काजा के पास इस घटना के बारे में सूचना दी। इसके बाद ही प्रशासन ने आइटीबीपी, डोगरा स्काउट और पोटर का 32 सदस्यीय रेस्क्यू दल का गठन किया और पिन घाटी के काह गांव के लिए रवाना कर दिया। 28 सिंतबर को रेस्क्यू दल की एंडवास पार्टी को उक्त सदस्य रास्ते में मिल गए। इनमें से दो सदस्यों को फ्रोस्ट बाईट से ग्रसित थे। जिन्हें चलने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन रेस्क्यू दल के सदस्यों ने कंधों का सहारा लेकर इन्हें काह तक लाया।

क्या कहा पर्वतारोहियो ने
अभिजीत कोलकाता के रहने वाले है। उन्होंने कहा कि 24 सिंतबर को जब सुबह बर्फबारी नहीं हो रही थी तो दल ने आगे के ट्रेक पराया कॉल के लिए निकले। फिर हमने खंमीगर ग्लेशियर से नीचे जैसे जहां पर बर्फ कम थी। वहां पर टेंट लगाया हुआ था। लेकिन दो सदस्य टेंट में नहीं पहुंचे। फिर वहीं पर उन्हें टेंट लगवा दिया गया। परंतु अगली सुबह जब खाना पानी आदि सामान लेकर उनके पास सदस्य पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी। फिर काजा प्रशासन को सूचना दी गई। प्रशासन ने रेस्क्यू दल का गठन करके हमारे दल के सदस्यों को रेस्क्यू किया है। हम स्पिति प्रशासन, आईटीबीपी, डोगरा स्काउट का विशेष आभार व्यक्त करता हूं।रनोधीर राय ने कहा कि मैं छोटी उम्र से ट्रेकिंग का शौकीन रहा हूं। पहले में अपने दोस्तों के साथ ट्रेकिंग करता रहता था। देबाशीष बर्धन के साथ मिलना हुआ तो उन्होंने बताया कि स्पिति काजा के अज्ञात ग्लेशियर ट्रेक को ढूंढना और उन्हें एक्सप्लोर करना था। पिछले तीन सालों से यहां पर आ रहे है। यह ट्रेक भी काफी अच्छा और रोमांचक था। हम ने नियमों के मुताबिक ही दल का चला रहे थे। काजा प्रशासन ने बहुत की बेहतरीन तरीके से रेस्क्यू अभियान को सफल बनाया है। आईटीबीपी और डोगरा स्काउट के जवानों ने दल के हर सदस्य को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। हिमाचल सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार ने मिलकर रेस्क्यू करने में पल पल की खबर लेते रहे। पोटर जीवन ने बताया कि बड़ा ग्लेशियर से होते हुए ट्रेक किया था। लेकिन तीन तक बर्फ गिरता रहा था। जब बड़ा ग्लेशियर से नीचे उतरते समय जब खंमीगर ग्लेशियर पर पहुंचे तो दो सदस्यों की मौत हो गई। इसके बाद रेस्क्यू दल ने हमें सुरक्षित रेस्क्यू किया इसके लिए प्रशासन के आभारी हैं।banner

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button