सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल
किसानों के लिए वरदान साबित हुई ’’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’’ बदल दी टिपरिया के किसानों की जिंदगी
जल है तो कल है, जल बिन जीवन नहीं, जल संरक्षण को प्राथमिकता देना हम सबकी जिम्मेदारी है, इसलिए जल के महत्व को ध्यान में रखते हुए हमें उसका मूल्य समझना होगा और इसे व्यर्थ बहने से बचाना होगा ताकि भविष्य में पानी की समस्या न हो। जिला सिरमौर के पच्छाद विकास खण्ड कि ग्राम पंचायत चमेंजी के गांव टिपरिया के किसानों को पानी के अभाव के कारण फल व सब्जियां का उत्पादन करने में कठिनाई पेश आ रही थी। किसानों का कहना है कि गांव के किसानों द्वारा मुख्यतः खाद्यान्न व नकदी फसलों का उत्पादन किया जाता है। वर्ष 2019 तक गांव में मौजूद कुहल से नकदी फसलों में पाईपों के द्वारा सिंचाई की जाती थी, परन्तु समय पर फसल कार्यो के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता था। इसी समस्या के कारण फल व सब्जियां कम क्षेत्र में ही उगाई जाती थी।
गांव के कुछ किसानों ने….
इस समस्या के चलते गांव के कुछ किसानों ने कृषि विभाग के भू-संरक्षण अधिकारी, कार्यालय राजगढ़ में वर्ष 2019-20 में सम्पर्क किया। सम्पर्क करने के बाद विभाग के अधिकारी मौके पर गए और पाया कि गांव में एक पुरानी कुहल है जिसमें जल स्त्रोत से पानी लगातार बहता है। जब इस लगातार बह रहे पानी से गांव के सभी किसान सिंचाई करते थे तो वह पानी प्रति किसान बहुत कम उपलब्ध होता था। पानी की कम उपलब्धता कि वजह से किसानों में कई बार कहासुनी भी हो जाती थी और जब सिंचाई का समय निकल जाता था तो यह पानी व्यर्थ बहता था। गांव के किसानों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए विभाग के अधिकारियों ने किसानों का समूह बनाकर उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत सामुदायिक जल भण्डारण टैंक के निर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी दी ताकि कुहल से व्यर्थ बहते हुए पानी का भण्डारण करके इसे समय-समय पर सिंचाई कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
योजना का लाभ उठाने के लिए गांव के किसानों ने मिलकर….
योजना का लाभ उठाने के लिए गांव के किसानों ने मिलकर कृषक विकास संघ टिपरिया का गठन किया और संजीव तोमर को संघ का प्रधान बनाया। संघ का गठन होने के उपरान्त विभाग द्वारा सामुदायिक जल भण्डारण टैंक निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। कृषि विभाग व कृषक विकास संघ समूह के सदस्यों की देखरेख में टैंक का निर्माण किया गया और यह सामुदायिक जल भण्डारण टैंक वर्ष 2020 में पूर्ण रूप से संचालित हो गया। इस योजना पर कुल लागत 2.85 लाख रूपये आई जिसे विभाग द्वारा शतप्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाकर इस कार्य पर व्यय किया गया। इस टैंक की कुल जल भण्डारण क्षमता 60 हज़ार लीटर है जिससे अब 3.29 हैक्टेयर भूमि सिंचाई की जाती है।
किसानों का कहना है कि…..
इस सामुदायिक जल भण्डारण टैंक से पहले प्रत्येक किसान परंपरागत खाद्यान्न फसलें जैसे मक्की, दालें तथा बरसाती मौसमी सब्जियां जैसे टमाटर, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च व अदरक का औसतन 3 से 4 बीघा में उत्पादन करता था लेकिन अब प्रत्येक किसान खाद्यान्न व सब्जियों का लगभग 6 से 7 बीघा में उत्पादन कर रहा है। किसानों का कहना है कि उत्पादन में परिवर्तन के साथ-साथ वार्षिक आय में भी वृद्वि हो रही है। प्रति किसान वार्षिक आय जोकि पहले 3 लाख से 3.50 लाख रूपये तक थी वह अब बढ़कर 6.50 लाख रूपये से 7.50 लाख रूपये तक हो गई है। किसानों का कहना है
कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत निर्मित सामुदायिक जल भण्डारण टैंक टिपरिया कृषक समूह के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से किसानों का जीवन तो खुशहाल हुआ ही और उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई, जिसके लिए टिपरिया के किसानों ने केन्द्र सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।
कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत निर्मित सामुदायिक जल भण्डारण टैंक टिपरिया कृषक समूह के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से किसानों का जीवन तो खुशहाल हुआ ही और उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई, जिसके लिए टिपरिया के किसानों ने केन्द्र सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।