शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2021-22 में एक करोड़ पौधे रोपित किए जाएंगे
शिमला। वनों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने और पौधरोपण में उनकी सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रदेश में हर वर्ष वन महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस वर्ष राज्य स्तरीय वन महोत्सव 20 जुलाई, 2021 को कुल्लू जिला के निरमंड में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर करेंगे। वन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2021-22 के दौरान प्रदेश में 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जाएंगे। विभाग द्वारा नगर परिषदों और पंचायतों के प्रत्येक सदस्य को स्थानीय लोगों की सहायता से पौधरोपण के लिए 51 पौधे प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 20 एवं 21 जुलाई को दो दिवसीय बृहद पौधरोपण अभियान आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों और संस्थाओं द्वारा 10 लाख पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके अलावा राज्य रेड क्राॅस सोसाइटी द्वारा स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से एक लाख पौधे भी रोपित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जंयती वर्ष के अवसर पर वन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्वर्णिम वाटिकाएं विकसित की जा रही हैं। राज्य के विभिन्न भागों में 34 स्वर्णिम वाटिकाएं तैयार की जा चुकी हैं। इस वर्ष 3500 हेक्टेयर क्षेत्र को लैंटाना से मुक्त कर वहां पौधरोपण की योजना भी तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि जुलाई 2018 से वन महोत्सव के दौरान वन विभाग द्वारा चिन्हित स्थानों पर स्थानीय समुदायों के सहयोग से विशेष पौधरोपण अभियान आयोजित किए जा रहे हैं। वर्ष 2018 में तीन दिनों तक आयोजित अभियान के दौरान प्रदेश में लगभग 600 स्थानों पर सरकारी विभागों, स्थानीय समुदायों, आम लोगों, महिला मंडलों, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और स्कूलों के विद्यार्थियों की मदद से लगभग 26 लाख 50 हजार पौधे रोपित किए गए। वर्ष 2019 में वन महोत्सव के दौरान आयोजित 5 दिवसीय अभियान के दौरान 1 लाख 35 हजार लोगों की सहभागिता से 31 लाख 60 हजार पौधे रोपित किए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण में वनों का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान है। राज्य के 37,948 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें से 4.96 प्रतिशत आरक्षित वन क्षेत्र, 33.87 प्रतिशत सीमांकित वन, 42.25 प्रतिशत गैर सीमांकित संरक्षित वन और 18.87 प्रतिशत अन्य वन हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 27.72 प्रतिशत हरित आवरण है। वन विभाग ने वर्ष 2030 तक हरित आवरण को 30 प्रतिशत और बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग द्वारा अनेक पहल की गई हैं। पौधरोपण बढ़ाने और वनों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय समुदायों के सहयोग से एक बूटा बेटी के नाम, वन समृद्धि जन समृद्धि योजना, सामुदायिक वन संवर्धन योजना, विद्यार्थी वन मित्र योजना सहित अनेक महत्त्वकांक्षी कार्यक्रम आरम्भ किए गए हैं।