शिमला। हिमाचल प्रदेश में दूसरे प्रदेश विश्वविद्यालय के रूप में सरदार पटेल विश्वविद्यालय के एक्ट को विधानसभा में पास किया जाना प्रदेश सरकार का स्वागतयोग्य निर्णय है। परंतु विधानसभा में 14 दिसंबर 2021 को सरदार पटेल विश्वविद्यालय के एक्ट को पास किए जाने के 42 दिन बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय की अधिसूचना जारी ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि ” प्रदेश सरकार को हिमाचल प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में सरदार पटेल विश्वविद्यालय की अधिसूचना को भी शीघ्र जारी करना चाहिए। इस निर्णय से प्रदेश के उन हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा जो शिमला दूर होने की वजह से अपने उच्च स्तरीय पढ़ाई नहीं कर पाते थे। इसलिए विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है की सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की अधिसूचना को शीघ्र जारी किया जाए तथा प्रदेश सरकार यह भी स्पष्ट करे की सरदार पटेल विश्वविद्यालय के संबंधन में किस जिला के कौन कौन से महाविद्यालय लिए जाएंगे। विद्यार्थी परिषद मांग करती है की ऊना, सोलन, सिरमौर, शिमला, बिलासपुर, स्पीति तथा किन्नौर जिला के महाविद्यालयों को एचपीयू शिमला के संबंधन में तथा हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, मंडी कुल्लू तथा लाहौल के सभी महाविद्यालयों को सरदार पटेल विश्वविद्यालय के संबंधन में किया जाना चाहिए। इस निर्णय से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला जिस के संबंधन में वर्तमान में 289 शिक्षण संस्थान चल रहे हैं तथा हर वर्ष इन शिक्षण संस्थानों के लाखों विद्यार्थियों की प्रवेश, परीक्षा और परिणाम का जिम्मा एचपीयू पर रहता है जिसकी वजह से हर वर्ष अनेकों अनियमितताएं जैसे की परीक्षा परिणामों में देरी, छात्रों के रिजल्ट में गड़बड़ियां आदि समस्याएं भी देखने को मिलती है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के निर्माण से एचपीयू का कार्यभार भी हल्का होगा तथा प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है की आगामी सत्र से सरदार पटेल विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं भी शुरू की जाए तथा एक विश्वविद्यालय को चलाने के लिए जो आवश्यक मापदंड, स्थाई कुलपति, कार्यकारी परिषद तथा अधिनियम होते है वो सभी प्रावधान शीघ्र सरदार पटेल विश्वविद्यालय में भी लागू किए जाएं।