शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
आईआईटी मंडी केटालिस्ट में नए स्टार्टअप बैच को हरी झंडी
शिमला। निदेशक उद्योग राजेश कुमार प्रजापति ने आईआईटी मंडी केटालिस्ट में नए स्टार्टअप बैच को हरी झंडी दिखाई। आईआईटी मंडी केटालिस्ट में 2021 के दूसरे स्टार्टअप एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ 31 जुलाई, 2021 को किया गया। कोविड महामारी के कारण शुभारम्भ सत्र वर्चुअली आयोजित किया गया। इस आयोजन में निदेशक उद्योग राजेश कुमार प्रजापति, निदेशक आईआईटी मंडी प्रो. ए.के. चतुर्वेदी, पीक वेंचर्स के प्रबंध भागीदार समीर शाह और आईआईटी मंडी के विभिन्न संकाय सदस्यों ने भाग लिया। इस शुभारम्भ सत्र में अपशिष्ट प्रबंधन, एग्रोटेक, हेल्थटेक, एंटरप्राइज मैनेजमेंट और क्लीनटेक जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली 23 स्टार्टअप टीमों के साथ हिमाचल प्रदेश की 11 टीमों ने भाग लिया। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर ए.के. चतुर्वेदी नेे स्टार्टअप टीमों को आईआईटी मंडी केटालिस्ट द्वारा प्रदान किए गए अवसर का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
हिमाचल प्रदेश को वित्त मंत्रालय द्वारा 2019 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए देश में सातवां स्थान प्राप्त हुआ
विशिष्ट अतिथि श्री प्रजापति ने देश के विभिन्न हिस्सों से स्टार्टअप टीमों को प्रोत्साहित किया और उद्यम शुरू करने के उनके निर्णय पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि हिमाचल प्रदेश को वित्त मंत्रालय द्वारा 2019 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए देश में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने इनक्यूबेशन कार्यक्रम पूरा होने के बाद उद्यमियों को उद्योग विभाग द्वारा प्रदेश में विकसित किए गए पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेंटर फाॅर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट की ओर से निरंतर समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने विभिन्न उद्यम योजनाओं के साथ हिमाचल आने वाले नए उद्यमियों की सहायता करने लिए आईआईटी मंडी केटालिस्ट द्वारा की गई पहल की सराहना की। समीर शाह ने स्टार्टअप्स योजनाओं कोे सफल बनाने पर अपने विचार सांझा किए। उन्होंने उद्यमियों को लचीला और परिस्थितियों के अनुकूल रवैया अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मंडी केटालिस्ट ने अब तक आठ स्टार्टअप बैच में लगभग 140 स्टार्टअप को सहायता प्रदान की है और यह पिछले पांच वर्षों में स्टार्टअप्स का नौवां बैच है।