यूक्रेन से घर पहुंची घुमारवीं के जोल पलाखीं की नेहा ठाकुर; बताई आपबीती
घुमारवीं। घुमारवीं की नेहा ठाकुर ने अपनी ज़िंदगी में कभी ऐसा सोच नहीं होगा किआज ये दिन उन्हें देखने को मिलेगा ओर उन्हें कोई पता नहीं था कि युद्ध इस चरम पर पहुंच जाएगा कि एक-एक पल डर के साये में रहना पड़ेगा। फरवरी की शुरूआत से ही यूक्रेन में कुछ सही नहीं चल रहा था। उन्होंने बताया कि घर पहुंचने पर उन्हें अभी भी कानों में फाइटर प्लेन और धमाकों की आवाज गूंज रही है।यूक्रेन से घुमारवीं के जोल पलाखीं पहुंची नेहा ठाकुर ने यह खौफनाक मंजर बयां किया। वहीं अपनी बच्ची को देखते ही परिजनों ने बच्ची को अपने सीने से लगा लिया। उनके खुशी के आंसू नहीं थम रहे थे।
नेहा ने कहा कि हमले के बाद भारतीय छात्रों के लिए हालात अचानक से बदल गए। वहां सभी डर के साये में जी रहे हैं। नेहा ने बताया कि वह पिछले 5 दिनों से सो भी नहीं सकी। पूरे देश में दहशत व खौफ का मंजर है। लोग जान बचाने के लिए बंकरों में रह रहे हैं। वहीं बेटी की घर वापसी पर पिता पुष्पेंद्र ठाकुर, दादी गम्बरू देवी व माता शीला देवी भावुक हो गए। उन्होंने सरकार का आभार जताया। नेहा ने कहा कि वह सकुशल घर लौट आई लेकिन उसके मन में वहां फंसे साथियों को लेकर चिंता बनी हुई है। वहीं तहसीलदार घुमारवीं जय गोपाल शर्मा यूक्रेन से घर लौटी नेहा ठाकुर के घर पहुंचे। उन्होंने नेहा और उसके परिजनों से बातचीत की।