नासा ने शेयर की बृहस्पति की दुर्लभ फोटो, रौशनी चमकने का ये बताया कारण
वॉशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट ने बृहस्पति के उत्तरी ध्रुव के पास बिजली के एक बोल्ट की चमक को देखा है। स्पेस एजेंसी ने बृहस्पति की परिक्रमा करने वाले मिशन से एक फोटो जारी की है। अंतरिक्ष यान ने यह फोटो 20 दिसंबर 2020 को ली थी, जब जूनो ने बृहस्पति के करीब 31वें फ्लाईबाई को पूरा किया था। नासा की एक न्यूज रिलीज के अनुसार, 2022 में वैज्ञानिक केविन एम. गिल ने स्पेसक्राफ्ट पर लगे जूनोकैम उपकरण के रॉ डेटा से फोटो को प्रोसेस किया था।
जिस समय रॉ फोटो ली गई थी, उस समय जूनो बृहस्पति के बादलों के शीर्ष से लगभग 19,900 मील यानी 32,000 किमी ऊपर था। यह करीब 78 डिग्री के अक्षांश पर ग्रह के करीब आया था। बृहस्पति पर चमकने वाले बिजली के बोल्ट को समझाते हुए नासा ने कहा कि पृथ्वी पर बिजली के बोल्ट पानी के बादलों से पैदा होते हैं और अक्सर भूमध्य रेखा के पास देखे जाते हैं। लेकिन बृहस्पति पर बिजली चमकने की संभावना अमोनिया-पानी के घोल वाले बादलों में होती है और इसे अक्सर ध्रुवों के पास देखा जा सकता है।
पृथ्वी के समान बिजली चमकने की प्रक्रिया
वैज्ञानिकों के अनुसार, जूनो का डेटा इस बारे में नई जानकारी प्रदान कर रहा है कि कैसे दो ग्रहों के बीच नाटकीय अंतर के बावजूद बृहस्पति पर बिजली चमकने की प्रक्रिया पृथ्वी के समान है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे शक्तिशाली विद्युत स्रोत है। बृहस्पति अन्य गैसों के साथ-साथ मुख्य रूप से हाइड्रोडन और हीलियम से बना है। लगभग 1,43,000 किमी के व्यास के साथ सूर्य से पांचवां ग्रह हमें कुछ रंगीन धारियों और बड़े तूफानों के साथ दिखाई देता है।
2016 से बृहस्पति का चक्कर लगा रहा जूनो
जूनो 2016 से सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की परिक्रमा कर रहा है। यह इस ग्रह के वातावरण, आंतरिक संरचना और आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र के साथ-साथ अन्य जानकारियां हासिल कर रहा है। बृहस्पति के आकार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 1300 से अधिक पृथ्वी समा सकती हैं। वहीं हमारी पृथ्वी की गिनती सौर मंडल के छोटे ग्रहों में होती है।