व्यास जी ने श्रीकृष्ण कथा के माध्यम से दान के महात्म्य से श्रोताओं को परिचित करवाया । उन्होंने कहा कि मनुष्य को हर अवसर पर दान अवश्य करना चाहिए । जो जितना दान करता है उसे उतना ही प्राप्त होता है । भागवत कथा के दौरान श्रीकृष्ण जीवन के कई पहलुओं पर और उनसे मिलने वाली शिक्षाओं पर भी प्रकाश डाला गया । उन्होंने कर्म के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए बताया की मनुष्य कर्म से ही श्रेष्ठ बनाता है । गोपियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि गोपी किसी स्त्री या पुरुष का नाम नहीं बल्कि एक भाव का नाम है । जीवात्मा और परमात्मा के मिलन को ही सांकेतिक रूप में रासलीला कहा गया है ।
हलोनिपुल में डॉक्टर दिनेश शर्मा और उनके परिवार द्वारा आयोजित इस भागवत पुराण कथा का शनिवार को समापन हो जाएगा । इस दौरान भारी संख्या में स्थानीय श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया ।