गुजर रही है जिंदगी ऐसे मुकाम से, अपने भी दूर हो जाते हैं जरा से जुखाम से…
गांव की गलियों में लगे यह पोस्टर नन्हें-मुन्ने बच्चों ने स्वयं तैयार किए हैं। अंबोआ निवासी ग्यारह वर्षीय दिव्यांश परमार, 8 साल की इशिता और 7 साल के आर्या ने अपने हाथों से यह जागरूकता पोस्टर लगाए हैं। इन नन्हें बच्चों की मदद 18 वर्षीय मानसी परमार व 22 साल की काजल ने भी की है। पोस्टर बनाने का काम से लेकर इन्हें गलियों में तक का कार्य बच्चों ने खुद ही किया है।
उपायुक्त राघव शर्मा ने भी इन बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि बच्चों द्वारा बनाए जा रहे जागरूकता पोस्टर मेरे ध्यान में लाए गए हैं। कोरोना पर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन जहां अपने स्तर पर प्रयासरत है, वहीं नन्हें बच्चे भी इस काम में पीछे नहीं हैं। बच्चे पूरी शिद्दत के साथ कोरोना को हराने के लिए काम कर रहे हैं और अगर समाज का हर व्यक्ति अपना दायित्व इसी प्रकार समझे और प्रशासन को मदद दे, तो कोरोना पर काबू पाने में आसानी होगी। डीसी राघव शर्मा ने सभी से मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की पालना करने के साथ-साथ कोविड वैक्सीन लगाने की अपील की है।