शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल

स्नो फ़ेस्टिवल के 67 वें दिन फ़ूड फ़ेस्टिवल का समापन

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केलांग। स्नो- फ़ेस्टिवल में जनजातीय जिला लाहौल स्पीति हैंडलूम उत्पाद मूल्यवर्धन पर ज़िला प्रशासन व उद्योग विभाग द्वारा द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लाहौल घाटी के महिला मंडल व स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष रमेश रुआलवा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए।उन्होंने अपने सम्बोधन में अटल -टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल में पर्यटकों की आमद को देखते हुए इस तरह के कार्यशाला के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए महिला सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता के लिये महत्वपूर्ण बताया।




लोकल -फ़ॉर -वॉकल को दिया गया महत्त्व

कार्यशाला में राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित, शिल्पगुरु ओम प्रकाश मल्होत्रा ने हैंडलूम उत्पाद के मूल्यवर्धन के लिये लोगो को महत्व पूर्ण जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकल -फ़ॉर -वॉकल की महत्व पर बोलते हुए कहा कि लाहौल घाटी में लोकल हैंडलूम की अपार संभावनाएं है महिलाओं की सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता पर उन्होंने कहा कि लोकल उत्पादों पर थोड़ा मूल्यवर्धन कर स्थानीय उत्पादों से अधिक मुनाफा कमाकर सशक्त हो सकते है। मल्होत्रा ने महिलाओं को परंपरागत हस्तशिल्प को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। घाटी में हैंडलूम की अपार सम्भावनाए है,ऐसे में घाटी में लोग ऊन को न बेचकर इससे बने मूल्यवर्धित उत्पाद बेचें।




फ़ूड- फ़ेस्टिवल के तीसरे दिन पर्यटकों की अच्छी- खासी उपस्थिति रही

ज़िला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक नितिन शर्मा ने सरकार द्वारा हस्तशिल्प के लिए दी जाने वाली सहायता योजनाओं के बारे में जानकारी दी।दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य हैंडलूम उत्पादों के बारे लोगों को मार्केटिंग व डिजाइनिंग की जानकारी देना है। अब घाटी में पर्यटकों की आमद बढ़ रही है ऐसे में वे लोकल उत्पाद खरीदना चाहेगा, देश के प्रधानमंत्री मोदी जी भी लोकल फ़ॉर वॉकल को भी नारा दिया, उस दिशा में काम करने के लिये दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।उधर सिस्सु में चल रहे त्रिदिवसीय फ़ूड फ़ेस्टिवल का का समापन समारोह पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।




फ़ूड- फ़ेस्टिवल के तीसरे दिन पर्यटकों की अच्छी- खासी उपस्थिति रही। जिसमें की महिला मण्डलों तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टालों की बड़ी भूमिका रही। इस स्टालों पर पारम्परिक व्यंजनो सहित अन्य लोकप्रिय शाकाहारी व मांसाहारी व्यंजन भी उपलब्ध रहे।



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