
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्लास्टिक की वस्तुओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इन प्रतिबंधों के बावजूद एक बार प्रयोग की जाने वाली कुछ प्लास्टिक वस्तुएं जैसे कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक आदि को सीधा कूड़ेदान में फेंका जाता है और इन्हे इकट्ठा करना मुश्किल होता है। इस तरह की वस्तुएं पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन रही हैं और अंधाधुंध कचरा फैला रही हैं।
राज्य सरकार राज्य में चल रहे प्लास्कि कचरा प्रबंधन में सुधार के लिए और ऐसी वस्तुओं के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के उदेश्य से अब प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा पूर्व अधिसूचना का अधिक्रमण करते हुए गैर- जैव निम्नीकरण कचरा (नियंत्रण) अधिनियम 1995 की धारा 3 ए की उप धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश जारी किए हैं कि जिला में अब कोई भी दुकानदार, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, फेरीवालों, रेहड़ी वाले आदि एक बार प्रयोग प्लास्टिक (कैरी बैग) तथा एकल उपयोग पीएलए आईटम, थर्मोकोल से बने आईटम, बायोडिग्रेडेबल सामग्री तथा गैर बायोडिग्रेडेबल कचरा का आयात, स्टाक, वितरण, तथा बिक्री नहीं कर सकेगा।
सिंगल यूज में ये चीजें हैं शामिल:-
इस अधिसूचना के अनुसार पहचान किए गए एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं में प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान साफ करने के लिए प्रयोग की जाने वाली पलास्टिक स्टिक, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी में प्रयोग की जाने वाली प्लास्टिक स्टिक, आईसक्रीम में प्रयोग की जाने वाली प्लास्टिक स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टायरीन, प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के बक्से, आमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पी. वी. सी. बैनर 100 माइक्रोन से कम की वस्तुओं को श्रेणीबद्ध किया गया है।
उपरोक्त के संदर्भ में उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय ने कहा कि उक्त आदेशों के अनुसार दुकानदार, विक्रेता, थोक व्यापारी, खुदरा विक्रेता, फेरीवाले व रेहड़ी वालों सहित कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक कटलरी को बेचेनें और उपयोग करने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। उन्होने कहा कि व्यक्ति, संस्था, व्यावसायिक संस्थान, शिक्षण संस्थान, कार्यालय, होटल, दुकानें, रेस्तरां, मिठाई की दुकानें, ढावंे, धार्मिक संस्थान, बैंक्वेट हॉल आदि जो एकल यूज प्लास्टिक के निषेध का उल्लंघन करते हुए पाये गए उन्हे अधिनियम में निहित प्रावधानों के अनुसार दंड़ित किया जाएगा जिसके अंतगर्त एकल यूज प्लास्टिक की मात्रा के अनुसार 500 से 25 हजार रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान है।
उन्होने कहा कि जिला में एकल यूज प्लास्टिक के प्रयोग, बिक्री और भण्डारण पर निगरानी के लिए जिला में 13 विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्राधीकृत किया गया है।