खाद्यान्नों की कीमत एवं गुणवत्ता सम्बन्धी शिकायत हों, तो टाॅल-फ्री नम्बर 1967 पर करें शिकायत
बिलासपुर। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने कहा कि खाद्यान्नों की कीमत एवं गुणवत्ता के सम्बन्ध में उपभोक्ताओं को अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए विभाग द्वारा राज्य स्तर पर एक टाॅल-फ्री नम्बर ‘1967’ स्थापित किया गया है जिस पर उपभोक्ता खाद्यान्नों की कीमत एवं गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करवा सकते है। उन्होंने बताया कि खाद्यान्नों एवं विभाग द्वारा वितरित की जा रही अन्य वस्तुओं जैसे दालें, चीनी, तेल या नमक की गुणवत्ता के सम्बन्ध में किसी उपभोक्ता को कोई भी शिकायत हो तो वे तुरन्त विभागीय अधिकारियों के ध्यान में इसे ला सकते हैं अथवा टाॅल-फ्री नम्बर पर सम्पर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उनकी शिकायत पर अविलंब कार्यवाही अमल में लाई जाएगी, इस प्रकार के निर्देश विभाग को दिए गए है।उन्होंने कहा कि सामाजिक सेवा क्षेत्र को प्रदेश की जय राम सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बी.पी.एल. व ए.पी.एल. परिवारों को सार्वजनिक वितरण के माध्यम से गुणवत्तायुक्त राशन उचित मूल्यों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटरीकरण के उपरांत अब प्रणाली को और अधिक दक्ष बनाने के लिए पी.ओ.एस. एवं बायोमीट्रिक सत्यापन और राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी जैसी प्रणालियां अपनाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के पात्र पंजीकृत परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत निःशुल्क गेहूं, चावल व काला चना वितरित किया गया जिसे मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य अनुदानित योजना के अन्तर्गत वितरित की जा रही वस्तुओं में से यदि किसी उपभोक्ता को खराब खाद्यान प्राप्त होती है तो वह उस पैकेट एवं पैकेट में रखी गई वस्तु को यथावत रखें और विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही व छानबीन किए जाने तक उसे नष्ट न करें ताकि छानबीन में सही साक्ष्य प्राप्त हो सकें तथा दोषी फर्म अथवा व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके।उन्होंने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग एवं निगम उपभोक्ताओं को सही एवं बेहतर गुणवत्तापूर्ण खाद्य वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा जो भी व्यक्ति अथवा फर्म खराब खाद्यान्न या अन्य वस्तुएं वितरित करने के लिए दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।