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कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर ICMR चिंतित, जानिये क्या कहा

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद दुनियाभर में ये चर्चा शुरू हो गई है कि इस वक्त उपलब्ध वैक्सीन ओमीक्रॉन के खिलाफ कितनी कारगर है। ओमीक्रॉन को लेकर डब्ल्यूएचओ पहले ही कह चुका है कि यह वायरस के अन्य वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचार रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने बताया कि ओमीक्रॉन के खिलाफ लड़ने में भारत में लगने वाली कोवैक्सीन और कोविशील्ड कितनी कारगर है।


साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद से दुनियाभर के कई देश सकते है। कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के नियमों में बदलाव किया है। दक्षिण अफ्रीका जाने और आनी वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वेरिएंट के खतरे को भांपते हुए हाई प्रोफाइल मीटिंग ली और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लिए फैसले की फिर से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।


भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान और संचार रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा है कि अभी ये कहना मुश्किल है कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीके ओमीक्रॉन के खिलाफ प्रभावी हो सकती है या नहीं। पांडा ने कहा, “एमआरएनए टीके स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर इंटरैक्शन से प्रेरित बनाए गए हैं। क्योंकि इन टीकों को कोरोना वायरस के तत्कालीन वेरिएंट को देखते हुए बनाया गया है। ओमीक्रॉन कोरोना वायरस का नया वेरिएंट है, इसलिए अभी इस पर कुछ कहना मुश्किल है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन वेरिएंट को अधिक संक्रामक श्रेणी में रखा है। हालांकि इस वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी रिपोर्टों में कहा गया है कि यह कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है।
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