घुमारवीं। एक ओर देश की रक्षा का जज्बा और दूसरे अपनी कलाकारी के माध्यम से मनोरंजन और समाज को संदेश। कुछ इसी प्रकार से सक्रिय हैं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानि आईटीबीपी के जवान विशाल चंदेल ।
घुमारवीं के भदरोग निवासी विशाल चंदेल को ये शौक बचपन से ही है। वह अपनी रैप अदाकारी के बल पर न सिर्फ बिलासपुर बल्कि अपनी बटालियान के साथ देश का गौरव बन गए हैं। पिता राजेश कुमार चंदेल और माता संतोष कुमारी चंदेल के घर में जन्मे विशाल का कहना है कि वह बचपन से ही अपने सहपाठियों का मनोरंजन करते थे। इसके बाद कालेज के कार्यक्रमों में कलाकारी के बल पर उन्होंने अपना लोहा मनवाना शुरू कर दिया। विशाल चंदेल ने बताया कि कुछ अलग करने का शौक उन्हें बचपन से ही था, लेकिन मौजूदा परिवेश में रैप का जादू सभी के सर चढ़ कर बोलता है। विशाल का कहना है कि शिवा कालेज घुमारवीं में अपनी पहली परफॉर्मेंस दी थी। इसके साथ उन्होंने घुमारवीं, बिलासपुर के मेलों के साथ ही चंडीगढ़ के सेक्टर-17 और 2019 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि वह कुछ समय देहरादून के सीमाद्वार में भी तैनात रहे। इस दौरान भी उन्होंने प्रस्तुति दी, जिसमें उन्हें खूब सराहना मिली।
विशाल का कहना है कि रैप ऐसी कला है जिसमें शब्दों में बुनकर परोसा जाता है, लोगों को जब यह पसंद या नापसंद आती है तो इसका रिस्पांस भी त्वरित होता है। दूसरे शब्दों में यह शायरी का नया प्रारूप है। वह मुंबई के मशहूर रैपर बोहेमिया को अपना आदर्श मानते हैं। एकलव्य की तर्ज पर संगीत की साधना में जुटे विशाल चंदेल की अभी तक उनके आदर्श बोहेमिया से मुलाकात नहीं हो पाई है। वह कहते हैं कि उनकी दिली इच्छा है कि बोहेमिया से उनकी मुलाकात हो। विशाल चंदेल का फौजी रैप उन्होंने यू ट्यूब पर 7 जून को अपलोड किया था। अभी तक उनके रैप को 6,750 से ज्यादा व्यू मिल हैं। 1700 से ज्यादा लाइक भी मिले हैं।
विशाल चंदेल एक रैपर फौजी होने पर गर्व महसूस करते हैं। वर्ष 2014 में आईटीबीपी में भर्ती हुए विशाल का शौक सेना में भी जारी है। उन्होंने बताया कि उसके इस शौक को जिंदा रखने तथा विस्तार करने के लिए सेना के सहयोगियों के साथ उच्चाधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने “फौजी” रैप के रूप में पहली रिकॉर्डिंग की है। इसमें एक फौजी की भावनाओं को उकेरा गया है।फौजी के देश के प्रति जज्बे और बलिदान को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने इस शौक को पूरा करने के लिए परिवार, पड़ोसियों दोस्तों से लेकर शिक्षकों तक का सबका सहयोग मिला। अब उनको आईटीबीपी में भी अपने साथियों के साथ गही अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
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