सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल

हिमाचल: किसान 15 जुलाई तक मक्की व धान की फसलों का करवा सकेंगे बीमा

नाहन। जिला सिरमौर के किसान पुर्नोत्थान प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अतंर्गत 15 जुलाई तक खरीफ मौसम की फसलों का बीमा करवा सकेंगे। यह जानकारी उप निदेशक कृषि डॉ0 पवन कुमार ने दी।उन्होंने बताया कि इस वर्ष सरकार ने खरीफ मौसम 2021 में मक्की तथा धान की फसलों को भी फसल बीमा के लिए शामिल किया है। किसान इन फसलों का बीमा अपने नजदीकी लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से करवा सकते है। इच्छुक किसान अपने दस्तावेज जैसे जमाबन्दी आधार कार्ड, बैंक पास बुक, बिजाई प्रमाण पत्र आदि लेकर लोकमित्र केन्द्रों से आनलाईन पार्टल पर आवेदन कर सकते है। उन्हांेने बताया कि सभी लोकमित्र केन्द्रों को आवश्यक जानकारी सहित सूचित कर दिया है। उन्होंने बताया कि मक्की की फसल के लिए कुल बीमित राशि 30 हजार रूपये तथा धान की फसल की कुल बीमित राशि भी 30 हजार रूपये निर्धारित की गई है। जबकि मक्की की फसल के लिए 48 रुपये प्रति बीघा तथा धान की फसल के लिए भी 48 रूपये प्रति बीघा प्रीमीयम राथि अदा करनी पड़ेगी।join whatsapp group



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उन्होंने बताया कि पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अदरक की फसल की बीमित राशि 1.50 लाख रुपये जबकि किसान को 600 रू० प्रति बीघा देय राशि निर्धारित की गई हैं, वहीं टमाटर की फसल की बीमित राशि एक लाख रूपये निधारित की गई है जबकि किसान को 400 रूपये प्रति बीघा प्रीमीयम राशि का भुगतान करना होगा।उन्होंने बताया कि अदरक की फसल का बीमा करवाने के लिए अन्तिम तिथि 30 जून तथा टमाटर की फसल का बीमा करवाने के लिए अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2021 निर्धारित की गई है।



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ऋणी किसानों के लिए यह फसल बीमा योजना ऐच्छिक कर दी गई है। जो किसान इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहते, वह किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा मे जाकर बताएं कि वह इस योजना का लाभ लेना नहीं चाहते।उन्होंने बताया कि पर्नोत्थान प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कम वर्षा, सूखा, बाढ सैलाब, भूमि कटाव ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरान्त दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत अपदाओं को कवर किया जाता है। उन्होंने जिला के सभी किसानो से निवेदन करते हुए कहा कि मक्की तथा धान की फसलों का बीमा करवाएं ताकि फसलों को उपरोक्त कारणों से नुकसान होने पर बीमा कम्पनियों से मुआवजा मिल सके। पुर्नाेत्थान प्रधानमन्त्री फसल बीमा के लिए एग्रीकल्चर इथोरेन्स कम्पनि को चयनित किया गया है। अधिक जानकारी हेतू किसान अपने नजदीकी कृषि अधिकारी कार्यालय से भी सम्पर्क कर सकते हैं।

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