सोलन, सिरमौर, ऊनाहिमाचल

हिमाचलः आत्मनिर्भरता, आर्थिक समृद्धि व रोजगार का द्वार बनेगा बल्क ड्रग पार्क

ऊना।  जिला ऊना के हरोली में बल्क ड्रग पार्क हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। केंद्र सरकार 30 अगस्त 2022 को हिमाचल प्रदेश को इस स्टेट ऑफ आर्ट बल्क ड्रग पार्क का तोहफा दिया। यह परियोजना निकट भविष्य में आत्मनिर्भरता, राज्य की आर्थिक समृद्धि तथा रोजगार सृजन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। बल्क ड्रग पार्क से न केवल हरोली क्षेत्र बल्कि ऊना जिला सहित समूचे प्रदेश के नौजवानों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।


इस पार्क के लिए पोलियां में 1405 एकड़ भूमि का चयन किया गया हैः सीएम

हाल ही में हरोली विस क्षेत्र में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा ”लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होने वाले इस पार्क के लिए पोलियां में 1405 एकड़ भूमि का चयन किया गया है। पार्क विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपए की राशि अनुदान के तौर पर मिलेगी तथा पूरी तरह से विकसित होने के पश्चात यहां लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश होगा। साथ ही 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व 10 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। मैं केंद्र सरकार का, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के लिए आभार व्यक्त करता हूं।” बल्क ड्रग पार्क के बनने के बाद संबंधित कार्यों एवं गतिविधियों से भी लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह पार्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्म निर्भर भारत अभियान” का एक अहम हिस्सा है। आज भारत दवा उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा चीन से आयात करता है। भारत की चीन पर यह निर्भरता कोविड काल के दौरान एक बड़ी चुनौती उभर कर सामने आई, जिस वजह से भारत सरकार ने देश में 3 बड़े बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया। इन्हीं में से एक बल्क ड्रग पार्क की सौगात हिमाचल प्रदेश को मिली है।


ड्रग पार्क भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा

हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार ने कहा ”प्रदेश के लगभग 600 दवा कारखानों में कच्चे माल की सालाना खपत लगभग 30-35 हजार करोड़ की है। निकट भविष्य में इन सभी दवा कारखानों सहित दवा उत्पादन क्षेत्र में प्रदेश व देश के कई अन्य राज्यों में भी स्थापित होने वाली नई इकाईयों को भी कच्चा माल हिमाचल प्रदेश से ही उपलब्ध होगा। सरकार के इस महत्वपूर्ण व प्रशंसनीय कदम से चीन जैसे देशों पर भारत की निर्भरता खत्म होगी व देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।”हिमाचल प्रदेश पूरे देश का फार्मा हब है तथा दवा उत्पादन में राज्य की 30 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है। जिसे और आगे बढ़ाने में स्थापित होने जा रहा यह बल्क ड्रग पार्क भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। इस बल्क ड्रग पार्क के पूरी तरह शुरू होने के पश्चात प्रदेश के वर्तमान सालाना 10 हजार करोड़ के फॉर्मा क्षेत्र के निर्यात में भी बढौतरी होगी।

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