कर्मचारी
Trending

हि० प्र० विज्ञान अध्यापक संघ उतरा विरोध में

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ की वर्चुअल बैठक प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधीर चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में सभी जिलों के विज्ञान अध्यापक संघ के प्रधान , महासचिव एवं अन्य राज्य एवं जिला कार्य कारिणी के सदस्यों ने भाग लिया। प्रदेश महामंत्री अवनीज़ह कुमार ने बैठक का संचालन किया। इस बैठक में बहुत सारे विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य, माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर के द्वारा वार्षिक बजट भाषण में जो यह घोषणा आज की गई जिसमें 26-4 -2010 के बाद टीजीटी से पदोन्नत प्रवक्ताओं को मुख्याध्यापक बनने के लिए एकमुश्त ऑप्शन बहाल करने की घोषणा का विरोध करना था। हालाँकि 26-04-2010 को कोर्ट के आदेश के बाद टीजीटी से पदोन्नति के लिए ऑप्शन ली जाती रही है कि उन्हें प्रवक्ता बनना है या मुख्याध्यापक ।जो टीजीटी अध्यापक प्रवक्ता बनने की ऑप्शन देता है उसको प्रधानाचार्य के पद पर पद्दोन्नति का रास्ता खुला रहता है,जबकि जो टीजीटी अध्यापक लगभग 22-25 वर्ष एक ही पद पर कार्य करते हुए लंबे समय तक मुख्याध्यापक बनने का इंतज़ार कर रहा होता है उसको वह मौका भी नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ सरकार उच्च विद्यालयों को धड़ाधड़ वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में स्तरोन्नत करती जा रही है जिससे मुख्याध्यापक की पद्दोन्नति के मौके लगातार कम हो गए हैं।



इस तरह के फैसलों से सारी व्यवस्था बिगड़ जाती है। हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ के अनुसार हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को एकमुश्त बहाल करने का कड़ा विरोध करता है। संघ के सदस्यों ने बताया कि हमारे हजारों विज्ञान अध्यापक बंधु पिछले 24-25 वर्षों से एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं और उसी पद से ही सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। यद्यपि मुख्य अध्यापक का पद केवल स्नातक अध्यापकों हेतु ही सृजित है। इसी से संबंधित एक पीआईएल हाईकोर्ट में डाली गई है।  जिसकी सुनवाई की तिथि 12 मार्च निश्चित हुई है। फिर भी ऐसा क्यों है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग द्वारा शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री जी को सही तथ्यों की जानकारी नहीं दी जा रही है और जो पीआईएल कोर्ट में पड़ी है

उसके निर्णय का इंतजार किए बिना मुख्यमंत्री  ने आज वार्षिक बजट में स्नातक अध्यापक बंधु जो प्रवक्ता के पद पर पदोन्नत हुए हैं उन्हें एक और अवसर मुख्याध्यापक की पदोन्नति हेतु दिए जाने का निर्णय विधानसभा में लिया। जिन स्नातक अध्यापक बंधुओं ने 26-4 -2010 को मुख्य अध्यापक के पद हेतु ही ऑप्शन दी थी उसमें सैकड़ों विज्ञान अध्यापक बंधु दो दो विषय में स्नातकोत्तर की डिग्रियां लिए हुए हैं।और उनमें अधिकांश स्नातक भाई तनाव की अवस्था से गुज़रे थे यह निर्णय लेने में कि किस आफसन का चयन करें फिर भी उन्होंने अपनी अपनी आफसन दी। यह सोच कर कि हम भी कभी मुख्य अध्यापक के पद पर पदोन्नत होंगे । दुसरा तथ्य जो एक संगठन द्वारा सरकार के समक्ष रखा जा रहा है कि इस निर्णय से वित्तीय वौज नहीं पड़ेगा व पूर्णता गलत है। क्योंकि जिन स्नातक अध्यापकों ने मुख्य अध्यापक की आफसन की जगह प्रवक्ता की दी होती उन्हें लगभग लाखों रुपयों का लाभ होता। जिस के परिणाम स्वरूप विभाग पर वित्तीय वौझ पढ़ता।



जबकि यदि उन्होंने स्नातक के पद पर ही अपनी सेवाएं विभाग को दी है तो इससे विभाग को भी वित्तीय बोझ नहीं हुआ। संघ ने बताया कि  सच में मुख्यमंत्री द्वारा वार्षिक बजट में लिया गया यह निर्णय इन बंधुओं के पदोन्नति के अवसर पर एक गहरा कुठाराघात है। सभी जिलों के विज्ञान अध्यापक संघों के प्रधान महासचिव एवं समस्त कार्यकारिणी आदरणीय मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी तथा शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर जी से प्रार्थना करते हैं कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें।  और कोर्ट द्वारा 26-4 -2010 को पदोन्नति के सम्बन्ध में दिए गए निर्णय को यथावत बनाए रखें। यदि विभाग फिर भी अपने निर्णय पर अटल रहता है

तो समस्त पीड़ित विज्ञान अध्यापक साथी इस निर्णय का हर जगह , हर माध्यम के द्वारा अपना विरोध जताएगा। और और यदि आवश्यक हुआ तो कोर्ट में भी अपना पक्ष तर्कों के साथ प्रस्तुत करेंगे ताकि 26-4 -2010 के निर्णय को यथावत बनाए रखें। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ जिला मंडी के प्रधान भीम सिंह ठाकुर ,ऊना जिला प्रधान चन्द्र केश धिमान , चम्बा जिला प्रधान राजीव राठौर , कांगड़ा से सुखजिंदर गुलेरी, बिलासपुर से प्रधान अशोक मिश्रा,राजेश वशिष्ठ, संजीव बंसल,अतुल, अक्षय, राजेश ठाकुर,सोलन से श्री नरेश कुमार, कुल्लू से सिकंदर ठाकुर,हमीरपुर से श्री दिनेश ठाकुर, श्री हरीश गुप्ता, श्री अतुल शर्मा श्री रंजीत सिंह, मंगलेश्वर , पवन कुमार, श्री चांद राम खंड चचयोट के महामंत्री , भूप सिंह सैनी महामंत्री जिला मंडी, एवं मनोज कटोच खजांची जिला मंडी एवं अन्य प्रदेश भर के विज्ञान अध्यापक उपस्थित हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button