पोते को ना हो जाए कोरोना, डर की वजह से संक्रमित दादा-दादी ने की आत्महत्या
कोटा। देश में कोरोना का प्रकोप हर ओर है। लोगों में दहशत है। ऐसे में कई लोग ऐसा कदम उठाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में जायज नहीं कहा जा सकता है। ऐसा ही मामला राजस्थान में सामने आया।
कोटा जिले में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित बुजुर्ग दंपति ने कथित रूप से चलती ट्रेन के सामने कूद कर सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें डर था कि उनसे यह संक्रमण उनके पोते और बहू को फैल सकता है। पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग दंपति अपने 18 साल के पोते और बहू के साथ शहर के पुरोहित जी की टपरी इलाके में रहते थे। उनके बेटे की आठ साल पहले ही मौत हो चुकी है।
रेलवे कालोनी थाने के उपनिरीक्षक ने बताया कि बुजुर्ग दंपति के 29 अप्रैल को संक्रमित होने की पुष्टि हुई और उसके बाद से दोनों पृथक-वास में थे।दोनों ने रविवार की सुबह चंबल ओवरब्रिज के पास रेलवे लाइन पर दिल्ली-मुंबई अप ट्रैक पर ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। इस संबंध में मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने बताया कि मौके ये कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। लेकिन इसके बावजूद उसकी जांच अभी जारी है।
8 साल पहले बेटे को खो दिया था इस दंपति ने
रविवार को दोनों परिजनों को बिना बताये घर से निकल गए। बाद में कोटा की तरफ से दिल्ली जाने वाले ट्रैक पर जा पहुंचे और ट्रेन के आगे छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। सूचना मिलने पर रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दंपति के शवों को शवों को वहां से उठवाकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस दंपति ने 8 साल पहले अपने जवान बेटे को खो दिया था. उसके बाद वे अब वे पोते को खोना नहीं चाहते थे। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
कोटा में बेहद खतरनाक हो रहे हैं कोरोना के हालात
उल्लेखनीय है कोटा भी राजस्थान के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में शुमार है। यहां कोरोना के हालात बेदह खतरनाक हो रखे हैं। कोटा में पहली लहर से अब तक करीब 600 पुलिसकर्मी और पुलिस के अधिकारी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. शहर के अस्पताल कोरोना पीड़ितों से भरे हुये हैं।