शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीतिहिमाचल
राज्यपाल ने युवा पीढ़ी से स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं का अनुसरण करने का आग्रह किया
शिमला । भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में राधिका क्रिएशंस द्वारा शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में आज स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय दर्शन, वेदांत और योग पद्धति को पश्चिमी देशों में प्रचलित करने में अहम भूमिका निभाई और उन्हें 19वीं सदी के अंत में अध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने और हिंदू धर्म को विश्व के प्रमुख धर्म के रूप में स्थापित करने का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि वे भारत में समकालीन हिंदू सुधार आन्दोलनों के प्रमुख प्रणेता थे और उन्होंने औपनिवेशिक भारत में राष्ट्रवाद की अवधारणा में योगदान दिया। उन्होंने राधिका क्रिएशन्स के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नाटक की सराहना की और कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श है तथा नई पीढ़ी को उनकी शिक्षाओं पर चलने की आवश्यकता है।
शुभांगी भड़बडे रचित इस नाटक का निर्देशन सारिका पेंडसे ने किया। लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने राम-नाम श्रृखंला पर आधारित स्वर्गीय सनत कुमार चटर्जी की चित्रकला प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी में गहन रुचि दिखाई और कहा कि महान कलाकार स्वर्गीय सनत कुमार चटर्जी के चित्रों के संग्रह में भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि 30 चित्रों की यह श्रृंखला राम नाम भारतीय जनमानस के दैनिक जीवन में राम नाम की उपस्थिति का चित्रण है।
सनत कुमार चटर्जी के पुत्र हिम चटर्जी ने भी राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश में कला के क्षेत्र में उनके योगदान से अवगत करवाया।
इस अवसर पर भाषा, कला एवं संस्कृति सचिव राकेश कंवर, निदेशक भाषा, कला एवं संस्कृति पंकज ललित और अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।